जब जब आता है यह मौसम
पांव के नीचे धरती जलती, सिर ऊपर आकाश,
जब जब आता है यह मौसम करने यहां प्रवास
पांव के नीचे धरती जलती, सिर ऊपर आकाश,
जब जब आता है यह मौसम करने यहां प्रवास
लइकन मन ल सुन्दर संस्कार देहे अउ सिक्छीत करे बर सिसुगीत अउ बालगीत सबले सरल अउ आसान साधन आय। सिसुगीत
Read more#कविता_ठीहे_पर काव्य संगोष्ठी का आयोजन अभनपुर के गायत्री मंदिर प्रेक्षागृह में संपन्न हुआ। प्रदेश के नामी एवं नवोदित कवि/कवीयत्रियों ने पहुंच
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