मेहनत के हक़दार
मेहनत वालों की दुनिया है, मेहनत से सब मिलता है। सूरज उगता है हम से तो, सूरज हम से ढलता है। जहाँ बहेगा खून पसीना, उसी जगह फल मिलता है। इसी बाहुबल से उगता है, उन्नत के हक़दार हैं हम।।
Read moreमेहनत वालों की दुनिया है, मेहनत से सब मिलता है। सूरज उगता है हम से तो, सूरज हम से ढलता है। जहाँ बहेगा खून पसीना, उसी जगह फल मिलता है। इसी बाहुबल से उगता है, उन्नत के हक़दार हैं हम।।
Read moreलइकन मन ल सुन्दर संस्कार देहे अउ सिक्छीत करे बर सिसुगीत अउ बालगीत सबले सरल अउ आसान साधन आय। सिसुगीत
Read moreकेत साहित्य समिति द्वारा वृंदावन हॉल रायपुर में कल शनिवार को भाषाविद्, संगीतज्ञ एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.चित्तरंजन कर के मुख्य आतिथ्य, वरिष्ठ व्यंग्यकार गिरीश पंकज की अध्यक्षता और रामेश्वर शर्मा, सुरेंद्र रावल ,लतिका भावे तथा संजीव ठाकुर के विशिष्ट आतिथ्य में वासंती काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
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