जब जब आता है यह मौसम
पांव के नीचे धरती जलती, सिर ऊपर आकाश,
जब जब आता है यह मौसम करने यहां प्रवास
पांव के नीचे धरती जलती, सिर ऊपर आकाश,
जब जब आता है यह मौसम करने यहां प्रवास
लइकन मन ल सुन्दर संस्कार देहे अउ सिक्छीत करे बर सिसुगीत अउ बालगीत सबले सरल अउ आसान साधन आय। सिसुगीत
Read moreकेत साहित्य समिति द्वारा वृंदावन हॉल रायपुर में कल शनिवार को भाषाविद्, संगीतज्ञ एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.चित्तरंजन कर के मुख्य आतिथ्य, वरिष्ठ व्यंग्यकार गिरीश पंकज की अध्यक्षता और रामेश्वर शर्मा, सुरेंद्र रावल ,लतिका भावे तथा संजीव ठाकुर के विशिष्ट आतिथ्य में वासंती काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
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Read more#कविता_ठीहे_पर काव्य संगोष्ठी का आयोजन अभनपुर के गायत्री मंदिर प्रेक्षागृह में संपन्न हुआ। प्रदेश के नामी एवं नवोदित कवि/कवीयत्रियों ने पहुंच
Read moreभाषा की अन्य विधाओं की तरह कविता भी जगत को समझने का एक शक्तिशाली उपक्रम हैं, गद्य की अपेक्षा काव्य
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