छात्र हित में बड़ी पहल करते हुए कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने सभी पाठ्यक्रमों की अमानत राशि ₹3000 से घटाकर ₹1000 कर दी, साथ ही डिप्लोमा कोर्स की फीस भी अब सिर्फ ₹1000 प्रति सेमेस्टर होगी।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता को लद्दाख का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। संघ से जुड़े और लंबे समय से सक्रिय राजनीति में रहे गुप्ता कई बार विवादों में भी घिर चुके हैं, लेकिन उनका प्रशासनिक अनुभव केंद्र सरकार की नजर में अहम रहा है।
बलरामपुर में ‘मिट्टी पलटना’ कोडवर्ड से संचालित मतांतरण रैकेट का भंडाफोड़, मास्टरमाइंड छांगुर गिरफ्तार; ATS को विदेशी फंडिंग, फर्जी पहचान और प्रेमजाल की गहरी साजिश के सबूत मिले।
1857 की क्रांति के दौरान कानपुर और बिठूर में जनरल हैवलॉक और नील द्वारा किए गए नरसंहार की क्रूर गाथा, जब हज़ारों निर्दोष भारतीयों को मौत के घाट उतारा गया और गांव के गांव जला दिए गए।
यह अभियान भारत में पर्यावरण के लिए जीवन शैली के साथ पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वृक्षारोपण एवं वृक्षों की सुरक्षा करना, पर्यावरण के लिए हानिकारक वस्तुओं का उपयोग कम से कम करना, स्वच्छताअभियान, शिक्षा, जागरूकता अभियान द्वारा अनुकूल जीवन शैली की ओर प्रेरित करने की आवश्यकता है।
लीला चिटनिस ने 1930‑80 के बीच हिट फिल्मों, लक्स विज्ञापन और माँ की कालजयी भूमिकाओं से हिंदी सिनेमा में इतिहास रचा, सामाजिक बंदिशें भी तोड़ीं।
छत्तीसगढ़ में प्राचीन शैव परंपरा और शिव मंदिरों की भव्यता का गहन अध्ययन, जिसमें लक्ष्मणेश्वर, कालेश्वर, पातालेश्वर जैसे ऐतिहासिक शिवालयों का सांस्कृतिक व आध्यात्मिक महत्व उजागर किया गया है।
जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में गंभीरता से उठाया। उन्होंने कहा कि यह हमला न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को चोट पहुँचाने के लिए किया गया, बल्कि धार्मिक विभाजन फैलाने की साजिश का हिस्सा भी था। जयशंकर ने आतंकवाद पर एससीओ से सख्त और एकजुट रुख अपनाने की अपील की।
स्वराज्य करुण के काव्य संग्रह ‘मेरे दिल की बात’ में प्रकृति, प्रेम और सामाजिक विसंगतियों पर आधारित कविताएं हैं, जो जनमानस की भावनाओं को गहराई से छूती हैं। यह संग्रह संवेदनशीलता, सरलता और समरसता का सुंदर संयोग प्रस्तुत करता है।
भारतीय संविधान की नींव में केवल विधिक प्रावधानों की ईंटें नहीं हैं, बल्कि वह सनातन की सांस्कृतिक चेतना, नैतिक समरसता,