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आबकारी घोटाला: कवासी लखमा को मिला ₹64 करोड़, EOW ने ठोंका आरोप

रायपुर: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच में एक नया मोड़ सामने आया है। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने सोमवार को रायपुर की एक विशेष अदालत में दायर पूरक आरोपपत्र में पूर्व आबकारी मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कवासी लखमा पर ₹64 करोड़ की अवैध कमाई का आरोप लगाया है।

कवासी लखमा, जो कि सुकमा जिले के कांटा विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक रह चुके हैं, 2019 से 2023 तक राज्य सरकार में आबकारी मंत्री रहे। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इसी साल 15 जनवरी को गिरफ्तार किया था।

घोटाले की रूपरेखा और आरोप

EOW द्वारा दायर पूरक चार्जशीट के अनुसार, 2019 से 2022 के बीच एक संगठित नेटवर्क ने आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी दुकानों के माध्यम से बिना हिसाब-किताब के शराब की बिक्री कर करोड़ों रुपये का अवैध लाभ अर्जित किया।

EOW ने इस मामले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया है और चार आरोपपत्र दायर किए हैं, जिनमें से यह पहला आरोपपत्र है जो सीधे लखमा को आरोपी बनाता है।

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EOW की ओर से जारी बयान में कहा गया, “श्री कवासी लखमा के संरक्षण में विभागीय अधिकारियों, ठेकेदारों और सहयोगियों के माध्यम से एक योजनाबद्ध घोटाला अंजाम दिया गया। जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि उन्होंने इस घोटाले के बदले ₹64 करोड़ की राशि प्राप्त की।”

कांग्रेस का पलटवार

कांग्रेस ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए जांच की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के छत्तीसगढ़ संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, “शुरुआत से ही यह मामला ईडी द्वारा राजनीतिक बदले की भावना से चलाया गया। जब दो साल तक कुछ हासिल नहीं हुआ, तो अब EOW को आगे लाकर नेताओं को बदनाम करने की कोशिश हो रही है।”

बढ़ती सियासी सरगर्मी

इस घोटाले में लखमा की संलिप्तता से जुड़े आरोप राज्य की राजनीति में हलचल मचा सकते हैं, विशेषकर ऐसे समय में जब कांग्रेस सरकार हाल ही में सत्ता से बाहर हुई है और विपक्ष नए सिरे से हमलावर रुख अपना रहा है।

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