रामकृष्ण मिशन: सेवा, शिक्षा और अध्यात्म का विश्वव्यापी संगम
राम कृष्ण मिशन एक भारतीय धार्मिक और सामाजिक संगठन है जिसकी स्थापना स्वामी विवेकानंद ने 1 मई 1897 को बेलूर कोलकाता में की थी I स्वामी विवेकानंद ने राम कृष्ण मिशन की स्थापना के पीछे यह उद्देश्य था की वह अपने गुरु राम कृष्ण के बताये अध्यात्म के सन्देश को निरंतर विश्व पटल पर प्रचार प्रसार कर सके और राम कृष्ण मिशन स्थापना के बाद इस कार्य को बड़ी तत्परता के साथ बखूबी से विभिन क्रियाकलापों के माध्यम से कर भी रहा है I
राम कृष्ण मिशन एवं राम कृष्ण मठ आगे चलकर दो भागो में बटकर सेवा कार्य करने लगा लेकिन यह एक ही संस्था के दो भाग है, जो व्यवस्था के जरिये राम कृष्ण मिशन के अंतर्गत रहकर कार्य कर रहा है I वर्ष 1899 को बेलूर मठ में रहने वाले सन्यासियों को इस स्थान का क़ानूनी अधिकार मिल गया I 4 मई 1899 को {1860 }के अधिनियम इक्कीसवे के अंतर्गत राम कृष्ण मिशन का पंजीकरण हुआ I मठ और मिशन एक ही संस्था के दो पक्ष है एक मठवासीय और दूसरे परोपकारी कार्य I दोनों कार्य एक ही संस्था के धर्मसंघ के द्वारा संचालित होते है I राम कृष्ण मिशन “मानव में इश्वर की सेवा “ की भावना से प्रेरित होकर शिक्षा ,स्वास्थ्य,और महिला सशक्तिकरण ,युवा कल्याण और राहत और पुनर्वास के क्षेत्रों में कार्य करता है I
वर्ष 1909 में मिशन के उद्देश्य को तीन भागो में विभाजित किया गया I
प्रथम – परोपकार के कार्य
दुसरे -मिशनरी कार्य
तीसरे -शेक्षणिक कार्य
इनमे से प्रत्येक कार्य को संस्थाओं में उप-विभाजित किया गया है जैसे मठ, आश्रम ,समितियां, सेवागृह, अनाथालय ,स्कूल आदि I मठों में केवल सन्यासी रहते है जिन्होंने विधिवत शिक्षा प्राप्त की है और जिन्होंने संसार त्याग दिया है , सभी सन्यासी बेलूर मठ के नियंत्रण में रहकर कार्य करते है I
रामकृष्ण मिशन में दूसरी सेना गृहस्थों की है जो एक प्रकार का मध्यम वर्ग है ये सभी शिष्य मठ में अध्यात्म शिक्षा के लिए आते है और कुछ समय ध्यान में बिताते है I
राम कृष्ण मिशन से एक और वर्ग भी जुड़ा है जिन्होंने अंशत या पूर्णतः मिशन के आदर्शों को स्वीकार कर लिया है और बाहर से उसकी सेवा करते हैं I
वर्ष 1926 में मिशन ने एक सभा बुलाई जिसमें देश विदेश के एक सो बीस प्रतिनिधिओं ने भाग लिया I इस सभा का उद्देश्य मिशन के कार्यक्षेत्र की रूपरेखा बनाना था I मठ में दी जाने वाली शिक्षा का मूल उद्देश्य “ मनुष्य का निर्माण करना है “I
स्वामी जी के अनुसार सच्चा शिक्षक वह है जो अपने शिष्य को जो जैसा है ,वैसा ही स्वीकार कर ले और उसकी रूचि के अनुसार उसमे अपनी सारी शक्ति भर दे और उसे आगे बढ़ने में सहायता करे I
रामकृष्ण मिशन एक गैर राजनेतिक संगठन है और सभी प्रकार की राजनीती का परित्याग करता है I मिशन अपने गुरु स्वामी विवेकानन्द के प्रति निष्ठावान है जिन्होंने अत्यंत कठोर शब्दों में राजनीति से किसी भी प्रकार की गठबंधन के प्रति घृणा व्यक्त की I मिशन सदेव ही राजनीति से दूर रहा है I
राम कृष्ण मिशन ने प्रतीक सवरूप में जिस चिन्ह का प्रयोग किया है, वह इस प्रकार है , चित्र में लहराता हुआ जल कर्म का प्रतीक है ,कमल भक्ति का प्रतीक है ,उगता हुआ सूर्य ज्ञान का प्रतीक है , घेरे हुए सर्प राजयोग एवं जागृत कुंडलिनी शक्ति का प्रतीक है एवं चित्र में हंस परमात्मा का प्रतीक है ,अतः प्रतीक यह दर्शाता की बुद्धि ,कर्म ; ज्ञान भक्ति और योग के मिलन से परमात्मा का दर्शन प्राप्त होता है I
वर्तमान में राम कृष्ण मिशन के दुनिया भर में 261 केन्द्र है जिनमे से भारत में 198 ,बांग्लादेश में 26 ,संयुक्त राज्य अमेरिका में 14 ,कनाडा,रूस और अफ्रीका में दो – दो और अर्जेनटीना ,ऑस्ट्रेलिया ,ब्राजील ,फिजी ,फ़्रांस ,जर्मनी ,आयरलेंड ,जापान ,मलेशिया ,मोरीसिस ,नेपाल नीदर्लेन्ड , सिंगापूर श्रीलंका स्विटजर्लेंड ,इंग्लैंड ,और जाम्बिया में एक-एक केंद्र है I बांग्लादेश ,नेपाल ,श्रीलंका फिजी और मरिशिस देशों में भारत की तरह ही सेवा कार्य की गतिविधियां चल रही है जबकि यूरोप ,अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया में ज्यादातर काम वेदांत का प्रचार , पुस्तकों और पत्रिकाओं का प्रकाशन एवं अध्यात्मिक गतिविधिओं तक ही सिमित है I
अध्यात्मिक उत्थान :- राम कृष्ण मिशन स्वामी विवेकानंद और राम कृष्ण परमहंस की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए अध्यात्मिक विकास और आत्म साक्षात्कार को बढ़ावा देता है I मिशन राजयोग ,कर्मयोग , भक्तियोग के माध्यम से मिशन के सन्देश का प्रचार व प्रसार करता हैं I
शिक्षा :- राम कृष्ण मिशन सशक्तिकरण के साधन के रूप में शिक्षा को प्राथमिकता देता है I सभी को गुणवता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए स्कूल ,कॉलेज और व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र सहित विभिन्न संस्थाओं का सञ्चालन करता है I राम कृष्ण मिशन लगभग 1200 शैक्षिक संस्थाओं का प्रबंध करता है जिनमे विश्वविद्यालय ,कॉलेज ,स्कूल और व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र शामिल है I मिशन के अंतर्गत अनौपचारिक और कोचिंग केंद्र भी शामिल है I मिशन के अंतर्गत संचालित संस्थाओं में लगभग दो लाख छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहें है I
मानवता की सेवा :- राम कृष्ण मिशन का यह मानना है की मानवता की सेवा करना ही इश्वर की पूजा का सर्वोतम सवरूप है , जो सवास्थ्य सेवा ,आपदा राहत और पुनर्वास के अंतर्गत विभिन सामाजिक सेवा की पहल करता है I स्वास्थ्य सेवा के तहत मिशन 14 अस्पताल और लगभग 114 औषधालय और 57 मोबाईल चिकित्सा इकाईया संचालित करता है जो विशेषकर मातृत्व और बाल कल्याण , चिकित्सा शिविर और कुष्ठ रोग सहित आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ लोगों को प्रदान करता है I इसके साथ ही मिशन आपदाओं के दौरान समय – समय पर विपत्ति ग्रस्त लोगों को सहायता उपलब्ध करवाता है I राम कृष्ण मिशन जल संसाधन , कृषि प्रशिक्ष्ण ,स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम और विभिन व्यवसायों में व्यवसायिक पाठ्यक्रम प्रदान कर ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कार्य करता है I
वेदांत का प्रचार प्रसार :- स्वामी विवेकानंद की व्यवहारिक वेदांत की अवधारणा के अंतर्गत अध्यात्म को व्यक्तिगत जीवन में बढ़ावा देने का कार्य भी राम कृष्ण मिशन करता है I राम कृष्ण मिशन अंतर – धार्मिक संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देता है तथा विभिन्न धर्मो के बीच आपसी सम्मान और समझ को प्रोत्साहित करता है I वैश्विक स्तर पर राम कृष्ण मिशन के अनेक केन्द्रों के माध्यम से भारत के बाहर अध्यात्मिक मार्गदर्शन एवं वेदांत का प्रचार प्रसार करता है I मिशन का मुख्य कार्य सभी धर्मों में सामंजस्य स्थापित करना भी है I
राम कृष्ण मिशन की दैनिक गतिविधियाँ :- मिशन के केन्द्रों में प्रतिदिन सुबह श्री राम कृष्ण की पूजा और सेवा होती है और शाम को आरती और भक्ति गायन होता है I राम कृष्ण मिशन में पूजा के रूप में सेवा कार्य को बढ़ावा दिया गया है I स्वामी विवेकानंद का मानना है की “दरिद्र नारायण “ जो गरीब के रूपमें ईश्वर है ,उनकी सेवा करने का सन्देश दिया है I पीड़ित की सेवा करना ही मिशन की गतिविधि है I स्वामी जी ने सेवा के चार रूप मने है I अध्यात्मिकता और अध्यात्मिक ज्ञान का दान सर्वोच्च दान है ,दूसरा दान धर्म निरपेक्षता का दान है ,तीसरा दान जीवन की रक्षा को माना है , चौथा दान भोजन का दान है I राम कृष्ण मिशन प्रत्येक प्राणी में प्रेम व् दया की भावना की कामना के साथ कार्य करता है I दूसरों की भलाई के कार्य के साथ में शिक्षा का दान सबसे बढ़कर माना है I मिशन भारतीय संस्कृति का सन्देश देश विदेश में निरंतर प्रचार व प्रसार कर रहा है I
-राजेन्द्र सिंह
विभाग संपर्क प्रमुख रेवाड़ी
विवेकानंद केंद्र हरियाणा ब्रांच ,
विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी I
मोब. नंबर -94666474387