देवारी तिहार

futuredलोक-संस्कृति

छत्तीसगढ़ का प्रमुख लोकपर्व गौरी गौरा पूजन

‘लोक’ आडम्बरहीन होता है। लोक जीवन सीधा-सादा ओर सरल होता है। इसलिए उसके आचार-विचार, कार्य और व्यवहार भी सीधे-सहज और सरल होते हैं। लोक के देवी-देवता और उसकी पूजा प्रार्थना भी लोक सम्मत होते हैं। जहाँ पार्वती, गौरी और शिव गौरा के रूप में लोक पूजित और लोक प्रतिष्ठित हैं ।

Read More
futuredलोक-संस्कृति

छत्तीसगढ़ी लोक परम्परा में देवारी की पचरंगी छटा

छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति आज भी लोकजीवन मे संरक्षित है। सचमुच दीपावली अर्थात ‘देवारी’ छत्तीसगढ़ की संस्कृति का दर्पण है और पर्वों का महापर्व है। उजालों की फुलवारी देवारी सदैव खिलती रहे महकती रहे।

Read More