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प्रदेश में युक्तियुक्तकरण से शिक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार : अब कोई भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं

रायपुर, 4 जुलाई 2025। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़, संतुलित और प्रभावशाली बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा संचालित युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से उल्लेखनीय सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इस प्रक्रिया ने न केवल शिक्षक विहीन विद्यालयों की समस्या को दूर किया है, बल्कि एकल शिक्षकीय विद्यालयों में भी शिक्षकों की बहाली कर शिक्षा की गुणवत्ता को नई दिशा दी है।

शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, युक्तियुक्तकरण से पूर्व प्रदेश में कुल 453 विद्यालय शिक्षक विहीन थे, जबकि युक्तियुक्तकरण के बाद अब एक भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं है। इससे यह स्पष्ट होता है कि शिक्षकों की तैनाती में सुधार से विद्यालयों में पढ़ाई की स्थिति सशक्त हुई है।

इसी प्रकार, पहले प्रदेश में कुल 5936 एकल शिक्षकीय विद्यालय थे, जिनमें केवल एक शिक्षक कार्यरत थे। युक्तियुक्तकरण के अंतर्गत 4728 विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षकों की पदस्थापना की गई है, जिससे इन विद्यालयों में अब शिक्षण व्यवस्था बेहतर हुई है। यह बदलाव निःसंदेह बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेगा।

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हालांकि, बस्तर और सरगुजा संभाग के कुछ दुर्गम जिलों में अब भी लगभग 1208 विद्यालय एकल शिक्षकीय हैं। लेकिन निकट भविष्य में इन विद्यालयों में भी शिक्षकों की कमी को दूर करने की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इसके अंतर्गत प्रधान पाठकों और व्याख्याताओं की पदोन्नति, तथा लगभग 5000 शिक्षकों की सीधी भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी, ताकि कोई भी विद्यालय एकल शिक्षकीय न रह जाए।

शिक्षा विभाग के अनुसार यह पूरी युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप की गई है। प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक स्तर पर वर्ष 2008 के पुराने सेटअप की अब कोई प्रासंगिकता नहीं रही, इसलिए नवाचार करते हुए नई व्यवस्था लागू की गई है।

वहीं, प्रक्रिया के दौरान किसी भी स्तर पर अनियमितता या गड़बड़ी में संलिप्त पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की गई है, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।

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प्रदेश सरकार का यह प्रयास शिक्षा की गुणवत्ता, समावेशिता और स्थायित्व को बढ़ाने की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध हो रहा है।