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सोने ने मारी धमाकेदार छलांग: 38% की बढ़ोतरी,क्या यह सबसे सुरक्षित निवेश है?

पिछले एक साल में भारत में सोने की कीमतों में 38% की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, जो कि निफ्टी 50 के मात्र 3% रिटर्न से कहीं अधिक है। सोने की कीमतों में यह लगातार तेजी तब आई है जब डॉलर मजबूत रहा है। पिछले एक साल में डॉलर इंडेक्स (DXY) करीब 4% बढ़ा है, जो कि ऐतिहासिक रूप से डॉलर और सोने के बीच होने वाली विपरीत संबंधी परंपरा को नकारता है।

सोने की कीमतों में इस तेजी के बावजूद, डॉलर की मजबूती ने बाजार पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन सोने की आकर्षकता कम नहीं हुई। ऐसा माना जा रहा है कि इसका कारण दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों का सोने के भंडारण को बढ़ाना है। उदाहरण के लिए, बैंक ऑफ इंग्लैंड के भूमिगत सुरक्षा कक्षों में दुनिया का सबसे बड़ा सोने का भंडार रखा हुआ है।

इसके अतिरिक्त, निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में देख रहे हैं, खासकर उन देशों में जहां आर्थिक अनिश्चितता बढ़ रही है। सोने को अक्सर एक सुरक्षित संपत्ति माना जाता है, जो मुद्रास्फीति और वित्तीय संकटों के दौरान मूल्य बनाए रखता है।

भारत में सोने के प्रति उत्साही निवेशकों का बड़ा समूह है, जो इसे अपनी संपत्ति के रूप में सुरक्षा के लिए देखता है। भारत में सोने की खपत के पारंपरिक तरीके जैसे शादी और अन्य सांस्कृतिक आयोजनों के अलावा, निवेश के रूप में सोने की बढ़ती मांग ने भी इसकी कीमतों को ऊपर की ओर धकेला है।

सोने की बढ़ती कीमतें वित्तीय बाजारों में एक महत्वपूर्ण संकेत हैं, जो यह दर्शाती हैं कि जोखिम के समय में लोग सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख करते हैं। वहीं, निफ्टी 50 की तुलना में सोने का प्रदर्शन निवेशकों के लिए आकर्षक साबित हो रहा है।

भारत में सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि, वैश्विक वित्तीय अनिश्चितताओं, और डॉलर की स्थिति के बावजूद, इसने निवेशकों को यह संदेश दिया है कि सोना अभी भी एक मजबूत और सुरक्षित निवेश विकल्प हो सकता है।

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