रतियावन की चेली पार्वती आइना दिखाती है समाज को : अनुराग चतुर्वेदी

एक मासुम बच्चे से शुरू हुई यह संघर्ष यात्रा दारूण कथा बन गई मात्र विधाता द्वारा रचित एक अनगढ़ कृति बनने पर, जिस पर की किसी का सर्वथा कोई वश नहीं।

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कहानी का किन्नर समाज के प्रति बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा : मुकेश पाण्डेय “चंदन”

रतियावन की चेली अपनी तमाम मुश्किलों और परेशानियों के बावजूद समाज के लोगों के लिए हर समय अच्छा ही सोचती है उसके मन से सदा उनके लिए दुआएं और आशीर्वाद ही निकलता है

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“रतियावन की चेली” कहानी समूचे समाज को झिंझोड‌कर रख देती है : डॉ मीनाक्षी स्वामी

वह समझ नहीं पाती है कि मोहल्ले की महिलाएं विभिन्न अवसरों पर उसे नए कपड़े, चूड़ी पाटला आदि क्यों देती हैं। रतियावन नाम की किन्नर उसकी वास्तविकता से अवगत कराती है।

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लाला जगदलपुरी स्मृति साहित्य एवं संस्कृति शोध क्रेन्द की होगी स्थापना

कोण्डागाँव के पेंसनर भवन में जगदलपुर, नारायणपुर, कोण्डागांव एवं बहीगांव के साहित्य एवं संस्कृति प्रेमियों की एक बैठक 11 मार्च

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बस्तर की माटी से जुड़ा कवि: डॉ राजाराम त्रिपाठी

भाषा की अन्य विधाओं की तरह कविता भी जगत को समझने का एक शक्तिशाली उपक्रम हैं, गद्य की अपेक्षा काव्य

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