जब जब आता है यह मौसम

पांव के नीचे धरती जलती, सिर ऊपर आकाश,
जब जब आता है यह मौसम करने यहां प्रवास

Read more

साहित्य संदेश देता है उपदेश नहीं : डॉ.चित्तरंजन कर

बिलासपुर। “भाषा संस्कृति है और संस्कृति खेती है,जिसकी फसल साहित्य है। लेकिन साहित्य संदेश देता है, उपदेश नहीं।” ये शब्द

Read more

डॉ. निरुपमा सरमा अउ उंकर बाल कविता

लइकन मन ल सुन्दर संस्कार देहे अउ सिक्छीत करे बर सिसुगीत अउ बालगीत सबले सरल अउ आसान साधन आय। सिसुगीत

Read more

संकेत साहित्य समिति की वासंती काव्य गोष्ठी संपन्न

केत साहित्य समिति द्वारा वृंदावन हॉल रायपुर में कल शनिवार को भाषाविद्, संगीतज्ञ एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.चित्तरंजन कर के मुख्य आतिथ्य, वरिष्ठ व्यंग्यकार गिरीश पंकज की अध्यक्षता और रामेश्वर शर्मा, सुरेंद्र रावल ,लतिका भावे तथा संजीव ठाकुर के विशिष्ट आतिथ्य में वासंती काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।

Read more

छत्तीसगढ़ के विधान सभा  चुनाव नतीजों पर महाग्रंथ ‘निर्वाचन सार -छत्तीसगढ़’ प्रकाशित

जी. आर. राना द्वारा रचित  लगभग 602  (छह सौ दो) पृष्ठों का महाग्रंथ एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ के रूप में सामने आया है। इस महाग्रंथ में छत्तीसगढ़ के सभी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के वर्ष 1952 से लेकर वर्ष 2018 तक के यानी 66 वर्षों के दौरान हुए चुनावों के  रिजल्ट  और उससे संबंधित प्रामाणिक आँकड़े  और रोचक तथा कई प्रामाणिक तथ्य विस्तारपूर्वक संकलित हैं।

Read more

इतिहास के आइने में बेलसंड-सीतामढ़ी

सीतामढ़ी का महत्व रामायण की कथा के अनुसार सही ढंग से समझा जा सकता है। राजा जनक सीतामढ़ी के पुनौरा और उर्विजा कुंड क्षेत्र में अनावृष्टि को रोकने हेतु हल चलाने, कृषि कर्म का उद्घाटन करने आये थे। इसी-के दौरान सीता जी प्राप्त हुई। इसी क्षेत्र में हलेश्वर स्थान मंडल है, जहाँ कृषि कर्म के उपरान्त हल रखा गया था। सीता जी की स्मृति से ही जुड़ा एक स्थान पंथपाकड़ है, जहाँ पर विवाह उपरान्त आयोध्या जाते हुये सीता जी की डोली रखी गयी थी,

Read more