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पीएम मोदी ने पहलगाम हमले के लिए विभाजन को ठहराया जिम्मेदार, कहा – “अगर सरदार पटेल की बात मानी जाती तो इतिहास कुछ और होता”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गांधीनगर में ‘गुजरात अर्बन ग्रोथ स्टोरी’ के 20 वर्षों के कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कश्मीर के पहलगाम में पिछले महीने हुए आतंकी हमले के लिए 1947 के विभाजन को जिम्मेदार ठहराया। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।

प्रधानमंत्री ने कहा, “जब 1947 में देश का बंटवारा हुआ, तभी इन जंजीरों को तोड़ देना चाहिए था। लेकिन देश को तीन हिस्सों में बांट दिया गया। उसी समय कश्मीर में पहला आतंकी हमला हुआ और पाकिस्तान ने कश्मीर का एक हिस्सा कब्जा कर लिया।”

उन्होंने कहा, “अगर उस समय मुजाहिदीनों का सफाया कर दिया गया होता और सरदार पटेल की सलाह मानी गई होती, तो भारतीय सेना पीओके तक पहुंचकर उसे वापस हासिल कर चुकी होती।”

मोदी ने आगे कहा कि बीते 75 वर्षों से देश आतंकवाद की मार झेल रहा है और पहलगाम की घटना उसी पुराने घाव का ताजा रूप है। “भारत की सेना ने हर युद्ध में पाकिस्तान को पराजित किया है। जब उन्हें समझ आया कि वे सीधे युद्ध में भारत से नहीं जीत सकते, तो उन्होंने छद्म युद्ध यानी आतंकवाद का रास्ता अपनाया।”

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“यह छद्म युद्ध नहीं, एक सोची-समझी रणनीति है”

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देना किसी छद्म युद्ध से कम नहीं है, बल्कि यह एक सुनियोजित युद्ध नीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि 6 मई के बाद मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान में राजकीय सम्मान दिया गया, उनके शवों पर पाकिस्तानी झंडा लपेटा गया और सैन्य सलामी दी गई। “यह प्रमाण है कि पाकिस्तान की यह कार्रवाई कोई परदे के पीछे की नहीं, बल्कि खुले युद्ध की तरह है। और जब युद्ध पहले से जारी है, तो जवाब भी वैसा ही मिलेगा।”

आर्थिक मोर्चे पर भारत की उपलब्धियां

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने याद किया कि 2014 में जब उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, तब भारत दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। “आज हम चौथे स्थान पर हैं। जब हम पांचवें स्थान पर आए थे और ब्रिटेन को पीछे छोड़ा था, तो वह एक ऐतिहासिक क्षण था — उस देश को पीछे छोड़ना, जिसने हमें 250 वर्षों तक गुलाम बनाए रखा।”

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उन्होंने कहा कि अब भारत की नजर तीसरे स्थान पर है और देश की जनता अब और इंतजार नहीं करना चाहती। “अगर कोई हमें धैर्य रखने को कहे, तो जनता की आवाज आती है – ‘मोदी है तो मुमकिन है’। यही हमारा लक्ष्य है — भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना।”

गुजरात दौरे का दूसरा दिन

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा मंदिर, गांधीनगर में ₹5,536 करोड़ की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। यह उनका गुजरात दौरे का दूसरा दिन था।