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ओमर अब्दुल्ला का अमेरिका पर तीखा हमला: “अमेरिका सिर्फ अपने हितों से चलता है, दोस्ती शर्तों पर आधारित”

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को अमेरिका पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह केवल अपने हितों को प्राथमिकता देता है और उसकी मित्रता पूरी तरह शर्तों पर आधारित होती है। यह बयान तब आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनिर को व्हाइट हाउस में लंच पर आमंत्रित किया।

श्रीनगर रेलवे स्टेशन पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी मर्जी के मालिक हैं। हम उन्हें यह नहीं बता सकते कि उन्हें किसे खाने पर बुलाना चाहिए और किसे नहीं। हमें लगता था कि अमेरिका हमारा खास दोस्त है और हमारे रिश्तों का सम्मान करेगा, लेकिन सच्चाई यह है कि अमेरिका वही करता है जिससे उसे फायदा हो। बाकी देशों की उसे परवाह नहीं होती।”

अब्दुल्ला ने जम्मू की अपनी यात्रा वंदे भारत ट्रेन से की और वापस भी उसी से लौटे। उन्होंने इस सेवा की सराहना करते हुए कहा, “अगर ट्रेन अच्छी न होती, तो मैं दोबारा इससे न लौटता। पहले ही इतनी भीड़ और वेटिंग लिस्ट इसका प्रमाण है कि लोग इसे पसंद कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि ट्रेन की लंबाई और फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाएगी।”

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इस्राइल-ईरान युद्ध पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने शांति की अपील की। उन्होंने कहा, “बमबारी की शुरुआत नहीं होनी चाहिए थी। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने पहले कहा था कि ईरान निकट भविष्य में परमाणु बम नहीं बना सकता। फिर भी इस्राइल ने हमला कर दिया। बातचीत ही इसका हल है।”

ईरान में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर उन्होंने कहा, “हमें उन्हें तुरंत वापस लाना संभव नहीं, क्योंकि एयरपोर्ट और बंदरगाह बंद हैं। पहले उन्हें सुरक्षित इलाकों में भेजा जा रहा है, फिर आर्मेनिया के रास्ते लाया जाएगा। आज ही लगभग 300–400 छात्र लौटेंगे, जिनमें से अधिकतर जम्मू-कश्मीर के हैं।”

शासन व्यवस्था पर बोलते हुए ओमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल और निर्वाचित सरकार के बीच अधिकारों को लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। “मैंने कभी नहीं कहा कि सभी अधिकार एलजी के पास हैं। आप जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम देख सकते हैं। खुद एलजी ने कहा है कि उनकी जिम्मेदारी केवल सुरक्षा और कानून-व्यवस्था तक सीमित है।”

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उन्होंने मांग की कि कैबिनेट द्वारा पारित व्यवसाय नियमों को एलजी जल्द स्वीकृति दें ताकि प्रशासनिक प्रक्रिया में स्पष्टता बनी रहे।

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