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तीजा-पोरा तिहार में झलकेगी छत्तीसगढ़ी संस्कृति, राजधानी रायपुर तैयार

रायपुर। राजधानी रायपुर में तीजा-पोरा तिहार इस बार और भी खास होने वाला है। छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अंतर्गत 24 अगस्त को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में तीजा पोरा तिहार और महिला सम्मेलन का भव्य आयोजन किया जाएगा।

आयोजन स्थल को छत्तीसगढ़ी परंपराओं के अनुरूप सजाया गया है। नंदिया-बैला, पारंपरिक खिलौने, वंदनवार और लोक सजावट से ऑडिटोरियम की रौनक देखते ही बन रही है। इस मौके पर करीब तीन हजार महिलाएं शामिल होंगी, जिनमें स्व-सहायता समूहों की दीदियां, मितानिनें और महतारी वंदन योजना की हितग्राही महिलाएं भी मौजूद रहेंगी।

कार्यक्रम में शिव-पार्वती और कृषि यंत्रों की पूजा के साथ ही छत्तीसगढ़ी खेल-प्रतियोगिताएं जैसे फुगड़ी, नींबू-चम्मच दौड़, रस्साकसी और जलेबी दौड़ आयोजित होंगी। वहीं मेहंदी, चूड़ी और आलता के स्टॉल महिलाओं को आकर्षित करेंगे। प्रतिभागी महिलाओं को विशेष उपहार भी प्रदान किए जाएंगे और सभी छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखेंगे।

लोक संस्कृति से सजे इस आयोजन में पद्मश्री उषा बारले और प्रसिद्ध लोकगायिका आरू साहू अपनी प्रस्तुतियों से समां बांधेंगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा सहित कई जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहेंगे।

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गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में तीजा तिहार सिर्फ धार्मिक परंपरा तक सीमित नहीं, बल्कि यह सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करने वाला उत्सव माना जाता है। भादो महीने में आने वाला यह पर्व बेटियों और बहनों को मायके बुलाकर सम्मान देने की परंपरा का प्रतीक है। शिव-पार्वती की पूजा और निर्जला व्रत के साथ मनाया जाने वाला यह तिहार वास्तव में छत्तीसगढ़ की जीवंत पहचान है, जहां परंपरा और अपनापन एक साथ दिखाई देता है।