मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का 12वां चरण प्रभावी, 2027 तक शून्य मलेरिया लक्ष्य
रायपुर, 14 जुलाई 2025/ छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में जनस्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता दिखाते हुए ‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ को नई गति दी है। राज्य में मलेरिया के स्थायी उन्मूलन के लिए रणनीतिक, वैज्ञानिक और जनसहभागिता आधारित कार्रवाई को प्राथमिकता दी जा रही है। इसी दिशा में 25 जून से प्रारंभ हुआ अभियान का 12वां चरण, छत्तीसगढ़ को मलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में एक निर्णायक मोड़ साबित हो रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग ने जनस्वास्थ्य में उत्कृष्ट मानक स्थापित किए हैं। बस्तर संभाग, जो मलेरिया प्रभावित क्षेत्र माना जाता था, वहां 2015 की तुलना में मलेरिया मामलों में 71% की कमी आई है। साथ ही, राज्य का वार्षिक परजीवी सूचकांक (API) 27.40 से घटकर 7.11 पर आ गया है — यह बताता है कि मलेरिया पर राज्य सरकार ने प्रभावी नियंत्रण प्राप्त किया है।
अभियान की प्रमुख उपलब्धियाँ:
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अब तक 10 जिलों में 19,402 घरों का सर्वे
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98,594 लोगों की रक्त जांच, जिनमें 1,265 मलेरिया पॉजिटिव
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सभी संक्रमितों को तुरंत दवा की पहली खुराक दी गई
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स्थानीय भोजन के बाद दवा देकर दुष्प्रभाव से सुरक्षा
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प्रत्येक मरीज को उपचार कार्ड दिया गया, जिससे फॉलोअप व निगरानी सुनिश्चित हो सके
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने स्पष्ट किया कि यह अभियान केवल एक इलाज नहीं, बल्कि एक रणनीतिक युद्ध है, जिसमें नीति, प्रशासन और जनसहभागिता का तालमेल है। उनका लक्ष्य है कि 2027 तक शून्य मलेरिया और 2030 तक पूर्ण मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ को साकार किया जाए।
प्रशासनिक सहभागिता:
स्वास्थ्य विभाग की आयुक्त डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि लक्षणरहित मरीजों पर विशेष फोकस करते हुए संक्रमण की जड़ पर प्रहार किया जा रहा है। हर संक्रमित व्यक्ति तक समय पर पहुंचकर इलाज और पुनः संक्रमण की रोकथाम ही उनकी प्राथमिकता है।
सामुदायिक भागीदारी:
अभियान की सफलता में मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, ग्राम पंचायतों और स्वयंसेवी संगठनों की अहम भूमिका रही। अब यह केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक व्यापक जनआंदोलन का रूप ले चुका है। जनजागरूकता के तहत लोगों को मच्छरदानी के उपयोग, जलजमाव की रोकथाम और सफाई जैसे व्यवहारिक उपायों के प्रति प्रेरित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की दूरदर्शिता और राजनीतिक इच्छाशक्ति के परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रेरक मॉडल के रूप में उभर रहा है। मलेरिया उन्मूलन की यह रणनीति आने वाले समय में अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय उदाहरण बनेगी।