पाटेश्वर आश्रम में भव्य एवं विशाल माँ कौशल्या धाम का निर्माण अंतिम चरण में, 2026 में किया जाएगा माता के धाम का लोकार्पण
बालोद, 20 जून 2025 // छत्तीसगढ़ सहित देश-विदेश में सनातन संस्कृति और आस्था के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरते बालोद जिले के डौंडी लोहरा विकासखंड स्थित पाटेश्वर आश्रम में भव्य कौशल्या धाम का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। पाटेश्वर सेवा संस्थान के संचालक राम बालकदास महात्यागी ने बताया कि यह मंदिर 2026 में विधिवत लोकार्पित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि लगभग 4 एकड़ क्षेत्र में तीन मंजिला मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें दूसरे तल पर 7 फीट ऊँची माँ कौशल्या की प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जिसमें वे बालक रामलला को अपनी गोद में लिए होंगी। यह प्रतिमा देश-विदेश में अपने प्रकार की पहली प्रतिमा होगी। पहले तल पर शिवलिंग और तीसरे तल पर पंचमुखी हनुमान की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
इसके साथ ही मंदिर परिसर में 108 देवी-देवताओं और महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाई जाएंगी, जिनमें अग्नि, वायु, सहस्त्रबाहु, संत कबीर, संत रविदास, झूलेलाल, कर्मा माता और परमेश्वरी माता शामिल हैं। यह धाम सर्वधर्म समभाव का प्रतीक बनेगा।
पाटेश्वर धाम का यह परिसर लगभग 12 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसे जामड़ीपाट के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थल आदिकाल से ही आदिवासी समाज और अंचलवासियों का आस्था केंद्र रहा है। आश्रम के ऊपरी पहाड़ी पर 416 सीढ़ियाँ चढ़ने के बाद आराध्य देव के दर्शन होते हैं। यहाँ प्रतिवर्ष माघी पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा आदि पर विशाल मेलों का आयोजन होता है।
संत राम बालकदास ने बताया कि उनके गुरु राज योगी बाबा ने 1975 में यहाँ अखंड धूनी प्रज्वलित की थी, जो आज भी जल रही है। 1977 में दक्षिणमुखी हनुमान की स्थापना की गई, वहीं परिसर में एक जलकुंड भी है जिसका जल कभी नहीं सूखता। यहाँ सीता रसोई के माध्यम से श्रद्धालुओं को निःशुल्क भोजन भी उपलब्ध कराया जाता है।
2015 में चारों जगद्गुरुओं की उपस्थिति में हुए कथा आयोजन में कौशल्या धाम की परिकल्पना प्रस्तुत की पाटेश्वर आश्रम में भव्य एवं विशाल माँ कौशल्या धाम का निर्माण अंतिम चरण में
2026 में किया जाएगा माता के धाम का लोकार्पण गई थी, जिसे जनसहयोग से साकार किया जा रहा है। राजस्थान के लाल पत्थरों से बन रही माँ कौशल्या की यह प्रतिमा और यह धाम, बालोद जिले को वैश्विक पहचान दिलाने वाला एक अद्वितीय धार्मिक स्थल बनने जा रहा है।