ताला और मदकु द्वीप के प्राचीन मंदिरों के परिभ्रमण के साथ हुआ राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

संचालनालय संस्कृति एवं पुरातत्व छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी (28-30 जनवरी, 2019) के अंतिम दिन अध्येताओं ने प्रदेश के प्राचीन मंदिर स्थापत्य के दो महत्वपूर्ण केंद्रों ताला के देवरानी- जेठानी मंदिरों एवं मदकू द्वीप के खुदाई से प्राप्त अनुरक्षित मंदिरों का अवलोकन किया।
संस्कृति विभाग के उप संचालक श्री राहुल सिंह ने ताला के मंदिरों के प्रकाश में आने से लेकर उसके वास्तु और शिल्प के महत्व से उपस्थित विद्वानों को परिचित कराया।
बाहर से आए अध्येताओं को ताला के रूद्रशिव की विश्वविख्यात दुर्लभतम मूर्ति को प्रत्यक्ष देखने और जानने का अवसर सुलभ हुए। विभाग द्वारा उत्खनन से प्रकटित मदकू द्वीप के प्राचीन मंदिर समूहों के बारे में श्री जी एल रायकवार ने विस्तार से लोगों को बतलाया।
ज्ञात हो कि विभाग द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में लगभग 40 शोध प्रस्तुतियां हुईं। इससे छत्तीसगढ़ समेत भारत के विभिन्न क्षेत्रों के प्राचीन मंदिरों पर अद्यतन हुए शोध की परिचर्चा हुई।
इस अवसर पर डॉ सीताराम दुबे बनारस, डॉ आर पी पांडेय ग्वालियर, डॉ आर एन विश्वकर्मा राजनांदगांव, डॉ राजेन्द्र यादव भोपाल, डॉ मनोज कुर्मी, डॉ मंगला नंद झा खैरागढ़, डॉ सुनीता यादव बनारस, डॉ आशुतोष चौरे, डॉ शंभूनाथ यादव रायपुर सहित विश्वविद्यालय के विद्यार्थी और शोधार्थी और विभागीय कर्मचारी उपस्थित रहे।

One thought on “ताला और मदकु द्वीप के प्राचीन मंदिरों के परिभ्रमण के साथ हुआ राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

  • January 31, 2019 at 12:50
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    BAHUT SUNDAR PRAWASH SAHITYA KARO DWARA

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