स्वयं का पुरजोर उद्यम है सफ़लता
जीवन में सफलता निज कार्यों पर आधारित होती है। सही समय पर किया गया उचित प्रयास सफलता की संभावना को
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Read moreमनुष्य जैसे यात्रा से पूर्व सारी चीजों को समेटना प्रारंभ कर देता है। वैसे ही जीवन यात्रा समाप्त होने से पूर्व जीवन मे जो मान-सम्मान, पद, प्रतिष्ठा, ईमानदारी, सभी कुछ सहेजने का समय आ जाता है। मन में एक साध रहती है किसी के साथ अन्याय न हो। ईमानदारी से जितना बन पड़े उतना काम तो कर लें क्योंकि दो दिन का जग मेला, अब चला चली का बेरा। मनुष्य अच्छे कर्म के द्वारा ही आने वाली पीढ़ियों के समक्ष अनुकरणीय आदर्श प्रस्तुत कर सदैव याद किया जाता है।
Read moreमानव जीवन में भौतिक, आध्यत्मिक उन्नति के लिए शिक्षा अति आवश्यक है। शिक्षा वह ज्योति पुंज है जिसके ज्ञानरूपी प्रकाश
Read moreसंगीत स्वयं ब्रह्म नाद है और योग ब्रह्म तक पहुंचने का सोपान। प्रकृति लय ताल युक्त संगीत मय है और
Read moreजीवन और पर्यावरण का अटूट सम्बन्ध है। पर्यावरण में ही सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े-मकोड़े, जीव-जंतु, पेड़-पौधे जन्म लेते और
Read moreवैश्विक महामारी कोरोना से जहां विश्व जूझ रहा है वहीं इसका सामना करने का सबसे महत्वपूर्ण उपाय सोशल डिस्टेंसी को
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