भौतिक युग और आधुनिक जीवनशैली वरदान या अभिशाप : मनकही
विकास के साथ दुनिया बड़ी तीव्रता से बदल रही है, गाँव से लेकर शहर तक। जहाँ हम निवास करते हैं,
Read moreविकास के साथ दुनिया बड़ी तीव्रता से बदल रही है, गाँव से लेकर शहर तक। जहाँ हम निवास करते हैं,
Read moreजीवन में सफलता निज कार्यों पर आधारित होती है। सही समय पर किया गया उचित प्रयास सफलता की संभावना को
Read moreमनुष्य जैसे यात्रा से पूर्व सारी चीजों को समेटना प्रारंभ कर देता है। वैसे ही जीवन यात्रा समाप्त होने से पूर्व जीवन मे जो मान-सम्मान, पद, प्रतिष्ठा, ईमानदारी, सभी कुछ सहेजने का समय आ जाता है। मन में एक साध रहती है किसी के साथ अन्याय न हो। ईमानदारी से जितना बन पड़े उतना काम तो कर लें क्योंकि दो दिन का जग मेला, अब चला चली का बेरा। मनुष्य अच्छे कर्म के द्वारा ही आने वाली पीढ़ियों के समक्ष अनुकरणीय आदर्श प्रस्तुत कर सदैव याद किया जाता है।
Read moreमानव जीवन में भौतिक, आध्यत्मिक उन्नति के लिए शिक्षा अति आवश्यक है। शिक्षा वह ज्योति पुंज है जिसके ज्ञानरूपी प्रकाश से मनुष्य का जीवन आलोकित होता है। शिक्षा व्यक्तित्व एवं चरित्र निर्माण के साथ संस्कृति का संरक्षण एवं समाज कल्याण भी करती है|
Read moreसंगीत स्वयं ब्रह्म नाद है और योग ब्रह्म तक पहुंचने का सोपान। प्रकृति लय ताल युक्त संगीत मय है और
Read moreजीवन और पर्यावरण का अटूट सम्बन्ध है। पर्यावरण में ही सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े-मकोड़े, जीव-जंतु, पेड़-पौधे जन्म लेते और
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