श्रीमती रेखा पाण्डेय

futuredमनकहीसाहित्य

किसने कहा था? मनकही

किसी भी परिवार, समाज और राष्ट्र का कल्याण कर्मण्य मनुष्यों के द्वारा ही हो सकता है। इनके कार्य ही आने वाली पीढ़ियों के लिए आदर्श बन कर्मवीर बनने का आदर्श स्थापित करते हैं। अतः प्रत्येक इंसान को कर्मशील रहना चाहिए। महाभारत में श्री कृष्ण ने कहा है ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते।’

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futuredधर्म-अध्यात्म

वृक्षों एवं हरियाली की रक्षा से जुड़ा है वट सावित्री पर्व

धर्म-कर्म और आस्था से सम्पन्न भारत की पवित्र भूमि, जहां देवी-देवताओं के विभिन्न स्वरूपों की बड़ी श्रद्धा से पूजा-अर्चना करने

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futuredमनकही

मनुष्य की जिम्मेदारी प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण

पर्यावरण अर्थात चारों ओर का आवरण अर्थात धरती के चारों ओर फैला प्राकृतिक परिवेश। प्रकृति में उपस्थित प्रत्येक तत्व इसका

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futuredविविध

नारी शक्ति की सशक्त प्रतीक देवी अहिल्या बाई

भारतीय संस्कृति में नारी महत्वपूर्ण स्थान है। भारतीय संस्कृति की स्त्री आदर्श, धैर्य, साहस, प्रेम, त्याग उदारता की प्रतीक अहिल्याबाई

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