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छत्तीसगढ़ की गोदना परंपरा को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग, डॉ. पंचराम सोनी ने सौंपा ज्ञापन

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. पंचराम सोनी ने छत्तीसगढ़ की पारंपरिक गोदना कला को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने इसे सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में अहम कदम बताया।

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छत्तीसगढ़ में आठे कन्हैया और जन्माष्टमी उत्सव

रायगढ़ के राजा भूपदेवसिंह के शासनकाल में नगर दरोगा ठाकुर रामचरण सिंह जात्रा से प्रभावित रास के निष्णात कलाकार थे। उन्होंने इस क्षेत्र में रामलीला और रासलीला के विकास के लिए अविस्मरणीय प्रयास किया। गौद, मल्दा, नरियरा और अकलतरा रासलीला के लिए और शिवरीनारायण, किकिरदा, रतनपुर, सारंगढ़ और कवर्धा रामलीला के लिए प्रसिद्ध थे। नरियरा के रासलीला को इतनी प्रसिद्धि मिली कि उसे ‘छत्तीसगढ़ का वृंदावन‘ कहा जाने लगा।

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