लोक संस्कृति में छिपे हैं कई वैज्ञानिक आधार

रायपुर, 06 दिसम्बर 2019/ हमारी संस्कृति के कई ऐसे रंग हैं जिनके पीछे वैज्ञानिक आधार छिपा हुआ है। परम्पराओं और लोक मान्यताओं के छिपे इन्ही वैज्ञानिक तथ्यों को स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को परिचित कराया जाएगा। प्रदेश में इन गतिविधियों के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय अविष्कार अभियान चलाया जा रहा है। इसकेे लिए पांच जिलों बस्तर, महासमुंद, दुर्ग, बिलासपुर और सूरजपुर का चयन किया गया है। चयनित जिलों में वहां की सांस्कृतिक मान्यताओं और लोक परम्पराओं का सूक्ष्म अध्ययन कर इनमें छिपे वैज्ञानिक तथ्यों की जानकारी से विद्यार्थियों और आम लोगों को परिचित कराया जाएगा। इन प्रयासों से बच्चों में अपने पूर्वजों के ज्ञान पर आदर का भाव विकसित होगा।

लोक परम्पराओं और मान्यताओं का अध्ययन कर दस्तावेजीकरण किया जाएगा तथा वैज्ञानिक तथ्यों की व्याख्या की जाएगी।  यही नहीं गणित जैसे नीरस विषय को बच्चों के अनुसार ग्राहय बनाने के लिए भी नई तकनीकों के लिए सहायक सामग्री का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही ग्रामीण खेलों के जरिए से भी गणित सिखाने की पद्धति विकसित की जाएगी।  बच्चों को दिए जाने वाले खेल खिलौने में छिपे विज्ञान के सिद्वांतों को भी समझाया जाएगा। हमारे आस-पास विभिन्न उपकरणों जैसे बैलगाड़ी, मिंजाई कार्य में लगने वाले उपकरणों में लीवर, जड़त्व, घूर्णन आदि के सिद्धांत को खेल-खेल में सिखाया जाएगा। स्कूली बच्चों को बताया जाएगा कि उत्पालवकता के सि़द्धांत से कैसे तालाब में तैरा जा सकता है। इसी प्रकार हमारे आस-पास विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों को सीखने और समझाने के लिए कई प्रकार की वस्तुओं में विज्ञान को सरल और सहज ढंग से समझाने में मदद मिलेगी।
गणित विज्ञान के जानकारों की एक लर्निंग कम्यूनिटी भी गठित की जाएगी। इस यह कम्यूनिटी की विशेषज्ञता इस मायने में होगी कि राज्य के विद्यार्थियों को कैसे बाल वैज्ञानिक के रूप में इंस्पायर किया जाए। बच्चों को विज्ञान की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करायी जाएगी। प्रतियोगी परीक्षाओं में पिछड़े और वनांचल क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों और प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले ट्रेंड के अनुसार विडियो लेक्चर बनाए जाएगंें। इसके अलावा आन लाइन न्यूज लेटर भी तैयार किया जाएगा। जिससे उन्हें समय -समय पर परीक्षाओं की ताजा जानकारी मिल सके। इन केन्द्रों का उपयोग विज्ञान शिक्षकों की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों के शिक्षकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा।
बस्तर जिले में स्थानीय परंपराओं में निहित विज्ञान पर आधारित म्यूजियम की  थीम पर प्रदर्शन स्थल में विज्ञान और स्थानीय समुदाय के प्रचलित मान्यताओं एवं संस्कृति में छिपी विभिन्न वैज्ञानिक पहलुओं की जानकारी संकलित कर साझा की जाएगी। केन्द्र में लौकी से पानी की बोतल बनाने, विभिन्न प्रकार की टैटू से इलाज की जानकारी और उसे एक्यू पंक्चर से जोड़ना, मौसम का अनुमान लगाने की स्थानीय पद्धतियां, चापड़ा से बुखार के इलाज के पीछे का रहस्य, सल्फी के पेड़ में किसी विशेष परिवार को ही चढ़ने की जानकारी, स्थानीय गणित के विशिष्ठ तरीकों लेकर ऐसे सैकड़ों रहस्यों के पीछे छिपे विज्ञान को सामने लाया जाएगा।
महासमुंद जिले में विज्ञान और गणित शिक्षण को रोचक बनाने विभिन्न सहायक शिक्षण सामग्री और उपकरण थीम पर गणित और विज्ञान की विभिन्न अवधारणाओं को समझाने के लिए एक छत के नीचे हजारों सहायक सामग्री और उपकरण उपलब्ध होंगे। जहां राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से शिक्षक आकर नवीन और उपयोगी सामग्री का अवलोकन, अध्यापन कर अपनी शालाओं और जिले में ऐसे सामग्री स्वयं तैयार करने के लिए आइडिया लेकर जाएंगे। केन्द्र में प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी भी होगी जो यहां आने वाले शिक्षकों और लोगों को सामग्रियों का उपयोग समझाएगी।
दुर्ग जिले में बनाए जाने वाले प्रदर्शन स्थल पर खेल-खिलौने का उपयोग कर इनके पीछे विभिन्न प्रकार के वैज्ञानिक पक्षों और सिद्धांतों को समझाया जाएगा। इससे बच्चों में विभिन्न खिलौनों को बनाने के पीछे के आइडियाज को पहचानने में सक्षम हो सकेंगे। यहां बच्चों को विज्ञान, गणित की अवधारणाओं को स्वयं अन्य बच्चों और पालकों का कौशल भी विकसित किया जाएगा।
बिलासपुर जिले में गणित, विज्ञान से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी की थीम पर काम होगा। इसके लिए शिक्षकों और विशेषज्ञों की प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी गठित की जाएगी, जो लगातार राज्य के बच्चों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा में शामिल करने की दिशा में कार्य करेगा। केन्द्र के माध्यम से इंस्पायर और इन्ग्राईट अवार्ड के लिए अधिक से अधिक नामांकन और आइडियाज बाहर लाने आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएगी। इससे राज्य में गणित, विज्ञान को प्रोत्साहन मिलेगा।
सूरजपुर जिले में विभिन्न प्रकार के अंधविश्वासों को दूर करने गतिविधियों की थीम पर काम होगा। अंध-श्रद्धा उन्मूलन और उससे संबंधित विभिन्न गतिविधियों के आयोजन के माध्यम से लोगों को आस-पास प्रचलित विभिन्न प्रकार के अंध-विश्वास और टोनही जैसी कुप्रथाओं को दूर करने विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएगी। इनमें जादू-टोने के पीछे रहस्य आदि से पर्दा हटाने की विभिन्न गतिविधियां, मैजिक ट्रिक्स, नाटक, प्रहसन से लेकर जन-जागरण संबंधी विभिन्न गतिविधियों को डिजाइन कर पूरे राज्य में एक अभियान चलाते हुए लोगों में जागरूकता लायी जाएगी।

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