बचपन की शैतानियाँ
बचपन तो शैतानियाँ का दूसरा नाम है। हमारा बचपन भी हम चारों भाई बहनों की शैतानियों का मिला जुला रूप
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Read moreगांव के बच्चे गुलेल को न जाने ऐसा बिल्कुल सम्भव नहीं है। गुलेल का उपयोग सबसे पहले कहां हुआ? कौन इसका आविष्कारकर्ता है? इसमें पड़ने की बजाय हम गुलेल की वह यादें याद करना चाहते हैं, जहां आम, ईमली, बेर, जामुन, आंवला, गंगा-ईमली आदि तोड़ने के लिए उपयोग में लाते थे।
Read moreनरसिंगपुर जिले के छोटे से रेलवे स्टेशन गाडरवारा से चौदह किलोमीटर दूर एक छोटा सा गाँव चीचली। सुबह चार बजे पहुँचती थी एकमात्र सीधी गाड़ी और रास्ते में दादी मुझे उठा कर कहती थीं, बेटा जरा स्टेशन का नाम तो पढ़ो कौन सा स्टेशन आया है।
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