भौतिक युग और आधुनिक जीवनशैली वरदान या अभिशाप : मनकही
विकास के साथ दुनिया बड़ी तीव्रता से बदल रही है, गाँव से लेकर शहर तक। जहाँ हम निवास करते हैं,
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Read moreजन्म से मृत्यु के बीच की कालावधि ही जीवन कहलाती है। जीवन क्या है? कैसे इसको कहाँ तक ले जा
Read moreकभी कभी सोचती हूँ खुशी क्या है? क्या खुशी परिवार तक ही सीमित होना चाहिये? बच्चे देखना, घर देखना, पति
Read moreजीवन में सफलता निज कार्यों पर आधारित होती है। सही समय पर किया गया उचित प्रयास सफलता की संभावना को
Read moreमनुष्य जैसे यात्रा से पूर्व सारी चीजों को समेटना प्रारंभ कर देता है। वैसे ही जीवन यात्रा समाप्त होने से पूर्व जीवन मे जो मान-सम्मान, पद, प्रतिष्ठा, ईमानदारी, सभी कुछ सहेजने का समय आ जाता है। मन में एक साध रहती है किसी के साथ अन्याय न हो। ईमानदारी से जितना बन पड़े उतना काम तो कर लें क्योंकि दो दिन का जग मेला, अब चला चली का बेरा। मनुष्य अच्छे कर्म के द्वारा ही आने वाली पीढ़ियों के समक्ष अनुकरणीय आदर्श प्रस्तुत कर सदैव याद किया जाता है।
Read moreभारत सरकार ने कोरोना महामारी से उत्पन्न बेरोजगारी के मद्देनजर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना 5 माह के लिए बढ़ा
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