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आंध्र प्रदेश में पोत्ति श्रीरामुलु की 58 फीट लंबी प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा, अमरावती में बनेगा स्मारक

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू ने रविवार को गुंटूर जिले के उंदावली में पोत्ति श्रीरामुलु की जयंती समारोह में हिस्सा लेते हुए अमरावती में स्वतंत्रता सेनानी की 58 फीट लंबी प्रतिमा स्थापित करने का ऐलान किया। यह प्रतिमा श्रीरामुलु के द्वारा आंध्र प्रदेश के अलग राज्य बनने के लिए की गई 58 दिनों तक चली भूख हड़ताल की याद में स्थापित की जाएगी।

1952 में शुरू हुई यह भूख हड़ताल मद्रास प्रेसीडेंसी के तहत एक अलग तेलुगू बोलने वाले राज्य की मांग के लिए थी, जो 1953 में आंध्र प्रदेश के रूप में अस्तित्व में आया। इसके परिणामस्वरूप देशभर में बड़े आंदोलन हुए और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को आंध्र प्रदेश के गठन की घोषणा करनी पड़ी थी।

मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि इस प्रतिमा का निर्माण श्रीरामुलु के बलिदान और उनकी भूमिका की सराहना के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि श्रीरामुलु के पैतृक घर को संग्रहालय में बदला जाएगा और उनके गांव पादामातिपल्ली में एक आधुनिक स्वास्थ्य केंद्र और एक उच्च विद्यालय का निर्माण किया जाएगा।

नायडू ने कहा, “पोत्ति श्रीरामुलु ने तेलुगू समुदाय और जनता के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनका बलिदान भारतीय राज्यों के गठन के रास्ते में मील का पत्थर साबित हुआ। उनका नाम हमेशा तेलुगू इतिहास में याद रखा जाएगा।”

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हाल के वर्षों में कई अन्य प्रसिद्ध हस्तियों की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं, जिनमें डॉ. बी आर अंबेडकर और तेलंगाना के मशहूर लोकगायक गुम्मदी विट्टल राव (गद्दार) की प्रतिमाएं शामिल हैं।

मुख्यमंत्री नायडू ने यह भी कहा कि श्रीरामुलु की यह प्रतिमा उनके अगले जन्मदिन से पहले पूरी कर ली जाएगी और यह अमरावती में एक स्मारक के रूप में स्थापित की जाएगी।

विगत वर्षों में, राज्य सरकारों ने प्रमुख नेताओं की प्रतिमाएं स्थापित करने का काम बढ़ाया है, जो चुनावों से पहले किया जाता है, जैसा कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में देखा गया।

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