अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पॉडकास्ट के मुख्य बिंदू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक विस्तृत पॉडकास्ट साक्षात्कार में भाग लिया, जिसमें उन्होंने अपने जीवन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ाव, भारत की संस्कृति, शांति और वैश्विक कूटनीति पर अपने विचार साझा किए। इसके साथ अपने पॉडकास्ट साक्षात्कार में विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर गहराई से चर्चा की। यह चर्चा न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन और विचारों को उजागर करती है, बल्कि वैश्विक राजनीति, कूटनीति और आधुनिक तकनीक पर उनके दृष्टिकोण को भी दर्शाती है।
हिमालय की यात्रा
उन्होंने हिमालय में बिताए गए समय और संन्यास के विचार पर चर्चा की, जो उनके जीवन में आत्म-खोज और आध्यात्मिकता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ाव
पीएम मोदी ने बताया कि संघ ने उन्हें जीवन के मूल्य और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा दी। उन्होंने संघ के समाज में योगदान और इसके कार्यों पर भी प्रकाश डाला।
भारत की संस्कृति और वैश्विक दृष्टिकोण
उन्होंने भारत की समृद्ध संस्कृति, शांति की परंपरा और वैश्विक कूटनीति में देश की भूमिका पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि जब वे विश्व नेताओं से मिलते हैं, तो 1.4 अरब भारतीयों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
महात्मा गांधी और भारत की आध्यात्मिक विरासत
मोदी ने महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चर्चा करते हुए कहा कि सत्य और अहिंसा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता भारत की सांस्कृतिक और नैतिक जड़ों को दर्शाती है। उन्होंने गांधीजी के नेतृत्व को राष्ट्र के लिए प्रेरणादायक बताया और बताया कि कैसे उनकी शिक्षाएँ आज भी प्रासंगिक हैं।
भारत-पाकिस्तान संबंध
पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों पर चर्चा करते हुए मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत हमेशा शांति और सहयोग की नीति पर विश्वास करता है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के बीच सहयोग जरूरी है, लेकिन यह दोनों देशों की प्रतिबद्धता पर निर्भर करता है। उन्होंने यह भी बताया कि आतंकवाद और उग्रवाद को समाप्त करना किसी भी बातचीत की सफलता के लिए आवश्यक है।
यूक्रेन में शांति प्रयास
रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा शांति और कूटनीति का समर्थक रहा है। उन्होंने बताया कि भारत ने दोनों पक्षों से संवाद किया है और संघर्ष को हल करने के लिए शांति वार्ता को प्रोत्साहित किया है। उनका मानना है कि युद्ध की स्थिति में निर्दोष नागरिकों को नुकसान होता है, इसलिए युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करना आवश्यक है।
चीन और भारत के संबंध
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन संबंधों के बारे में कहा कि दोनों देश प्राचीन सभ्यताओं के प्रतिनिधि हैं और शांति बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने सीमा विवाद पर कहा कि कूटनीतिक बातचीत से समाधान निकालने की दिशा में भारत हमेशा प्रयासरत है। व्यापार और अन्य क्षेत्रों में सहयोग की संभावना पर भी चर्चा हुई।
2002 के गुजरात दंगे
मोदी ने इस संवेदनशील मुद्दे पर कहा कि उनकी प्राथमिकता हमेशा शांति और न्याय रही है। उन्होंने इस दंगे की पृष्ठभूमि पर विस्तार से चर्चा की तथा उन्होंने यह भी बताया कि भारत की न्यायपालिका स्वतंत्र है और कानून ने हमेशा सही दिशा में काम किया है। उन्होंने भारत में लोकतंत्र और न्याय प्रणाली की मजबूती पर जोर दिया।
भारतीय लोकतंत्र और नेतृत्व
मोदी ने भारत के लोकतंत्र को दुनिया का सबसे मजबूत लोकतंत्र बताया और कहा कि 1.4 अरब भारतीयों का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि भारत में सत्ता जनता के हाथों में है, और एक मजबूत लोकतांत्रिक प्रक्रिया के कारण देश निरंतर प्रगति कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में जनता की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण होती है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और भविष्य की तकनीक
मोदी ने बताया कि AI और अन्य आधुनिक तकनीकों का सही उपयोग करके भारत भविष्य में और आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि AI शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है, लेकिन इसके नैतिक पहलुओं को भी ध्यान में रखना जरूरी है। उन्होंने AI के दुरुपयोग की संभावना को देखते हुए जिम्मेदार इनोवेशन की आवश्यकता पर बल दिया।
शिक्षा और युवा सशक्तिकरण
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शिक्षा भारत के विकास की कुंजी है और नई शिक्षा नीति (NEP) को इस दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय युवाओं को कौशल आधारित शिक्षा देकर उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जा रहा है। स्टार्टअप संस्कृति और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की भी उन्होंने बात की।
ध्यान और मानसिक शांति
मोदी ने बताया कि वे ध्यान और योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग मानते हैं। उन्होंने योग और ध्यान की वैज्ञानिकता को रेखांकित करते हुए इसे वैश्विक स्तर पर अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मानसिक शांति और आत्म-संयम से ही सही निर्णय लिए जा सकते हैं।
यह साक्षात्कार प्रधानमंत्री मोदी के विचारों और दृष्टिकोणों को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच था। इसमें उन्होंने न केवल भारत की आंतरिक नीतियों और चुनौतियों पर चर्चा की, बल्कि वैश्विक घटनाओं, तकनीक, और संस्कृति पर भी अपने दृष्टिकोण साझा किए। उनका संदेश स्पष्ट था – शांति, विकास, नवाचार, और संस्कृति को एक साथ आगे बढ़ाने से ही भारत और दुनिया का भविष्य उज्ज्वल होगा।