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प्रवासी भारतीयों की वैश्विक स्थिति एवं योगदान प्रवासी : भारतीय दिवस विशेष

जीवन के संचालन की बेहतर संभावनाओं को तलाश करते हुए मानव एक स्थान से दूसरे स्थान जाते रहा है, मूल स्थान से अन्य स्थान पर जाने को प्रवास कहा जाता रहा है। कई लोग लौट आते हैं पर कई उसी स्थान के स्थाई निवासी हो जाते हैं एवं प्रवासी कहलाते हैं याने प्रवासी उस व्यक्ति को कहा जाता है जो अपने देश को छोड़कर किसी अन्य देश में रहने, काम करने या बसने के लिए जाता है। विशेष रूप से, प्रवासी भारतीय वे भारतीय होते हैं जो अपने देश से बाहर किसी अन्य देश में रहते हैं, काम करते हैं या स्थायी रूप से बस गए होते हैं।

प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) भारत सरकार द्वारा हर साल 9 जनवरी को मनाया जाता है। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रवासी भारतीयों के योगदान को मान्यता देना और भारत के विकास में उनके प्रयासों को सराहना देना है। 9 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इस दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह दिन प्रवासी भारतीयों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों और सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है, जहां प्रवासी भारतीयों को भारत की विकास प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

भारतीय प्रवासी, जिन्हें “भारतवंशी” या “भारतीय डायस्पोरा” भी कहा जाता है, पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। पूरे विश्व में भारतीय बसे हुए हैं एवं महत्वपूर्ण पदों पर भी सुशोभित दिखाई दे रहे हैं। भारतीय प्रवासी समुदायों की संख्या और उनका प्रभाव विश्व के विभिन्न हिस्सों में उल्लेखनीय है। यह आलेख भारतीय प्रवासी समुदायों की सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।

विश्व में भारतीय प्रवासी निम्नलिखित
भारतीय प्रवासी मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, फिजी, मॉरीशस आदि देशों में बड़ी संख्या में पाए जाते हैं तथा यहां पर वे समाज को प्रभावित करने वाली स्थिति में पहुंचे हुए हैं।

भारतीय प्रवासी समुदायों ने जहां भी बसाव किया है, वहां की सामाजिक संरचना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने अपनी सांस्कृतिक धरोहर, परंपराओं और उत्सवों के माध्यम से अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। भारतीय प्रवासी सामुदायिक कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं और उन्होंने कई देशों में मंदिर, गुरुद्वारे और सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किए हैं।

राजनैतिक स्थिति
भारतीय प्रवासियों ने राजनैतिक क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। कई देशों में भारतीय मूल के लोग संसद सदस्य, मंत्री और अन्य उच्च पदों पर आसीन हैं। उदाहरण के लिए, कमला हैरिस (संयुक्त राज्य अमेरिका की उपराष्ट्रपति) ऋषि सुनक (यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री) इन्हें भारतीय प्रवासी समुदायों की सफलता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

शैक्षणिक स्थिति
भारतीय प्रवासी उच्च शिक्षा और शोध में अग्रणी रहे हैं। भारतीय मूल के लोग दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में शिक्षण और शोध कार्यों में शामिल हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में कई भारतीय प्रोफेसर और वैज्ञानिक प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्यरत हैं। भारतीय छात्रों की एक बड़ी संख्या प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रही है, जो कि उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रतीक है।

आर्थिक स्थिति
भारतीय प्रवासियों ने आर्थिक क्षेत्रों में भी बड़ा योगदान दिया है। भारतीय प्रवासी कई देशों में व्यापार, उद्योग, और सेवाओं में शीर्ष पर हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय मूल के लोग उच्चतम आय वर्ग में आते हैं। सिलिकॉन वैली में भारतीय मूल के टेक्नोलॉजी उद्यमी और पेशेवर बड़ी संख्या में हैं। इसके अलावा, भारतीय प्रवासी रिमिटेंस (विदेश से अपने देश में भेजे जाने वाले धन) के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। 2022 में, प्रवासी भारतीयों ने लगभग $87 बिलियन भारत में भेजे, जो कि विश्व में सबसे अधिक था।

भारतीय प्रवासी दुनिया भर में एक सशक्त और प्रभावशाली समुदाय के रूप में उभरे हैं। उनकी सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति उन्हें वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण समुदाय बनाती है। वे न केवल अपने मूल देश, भारत, बल्कि जिस देश में वे बसे हैं, उसकी भी प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनके योगदान को मान्यता देने और उनके साथ संबंध मजबूत करने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है।