बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट में ₹967 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव: 2100 से अधिक लोगों मिलेगा रोजगार
रायपुर, 11 सितम्बर 2025/ कभी उपेक्षा और नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में पहचाना जाने वाला बस्तर आज विकास, निवेश और अवसर का नया प्रतीक बनकर उभर रहा है। यहाँ उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और पर्यटन—हर क्षेत्र में समावेशी प्रगति दिखाई दे रही है। सरकार और निजी क्षेत्र के संयुक्त प्रयासों ने बस्तर को संघर्ष की भूमि से बदलकर संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक बना दिया है।
रेल–सड़क परियोजनाएँ: संपर्क से समृद्धि तक
बस्तर में 5,200 करोड़ की रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। रावघाट–जगदलपुर नई रेल लाइन (3,513 करोड़) और केके रेल लाइन (कोत्तवलसा–किरंदुल) का दोहरीकरण प्रमुख कार्य हैं। इनसे न केवल यात्रा और व्यापार में तेजी आएगी बल्कि रोजगार और औद्योगिक अवसर भी बढ़ेंगे।
इसी तरह 2,300 करोड़ की सड़क परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं। धमतरी–कांकेर–कोंडागांव–जगदलपुर मार्ग का वैकल्पिक रास्ता अबूझमाड़ से होते हुए दंतेवाड़ा और बीजापुर तक बनाया जा रहा है। यह नेटवर्क शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और योजनाओं की पहुँच को और सशक्त बनाएगा।
बड़े सार्वजनिक और निजी निवेश
एनएमडीसी ने 43,000 करोड़ तथा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल हेतु 200 करोड़ का निवेश किया है। इसके साथ 1,000 करोड़ का निजी निवेश सेवा क्षेत्र और एमएसएमई में हो रहा है। लगभग 52,000 करोड़ की प्रतिबद्धताओं ने बस्तर को औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का केंद्र बना दिया है।
स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति
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जगदलपुर में 350 बेड का पहला निजी मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज 550 करोड़ के निवेश से स्थापित होगा।
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33 करोड़ का एक और मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल और 85 करोड़ का 200 बेड सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल भी निर्माणाधीन है।
ये परियोजनाएँ न केवल स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करेंगी, बल्कि सैकड़ों युवाओं को रोजगार भी देंगी।
कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और एग्रीटेक
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बीजापुर, नारायणपुर, बस्तर और कोंडागांव में आधुनिक राइस मिल और फूड प्रोसेसिंग इकाइयाँ लग रही हैं।
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नारायणपुर में पार्श्वा एग्रीटेक हर साल 2,400 टन परबॉयल्ड चावल का उत्पादन करेगी।
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डेयरी क्षेत्र में बस्तर डेयरी फार्म प्रा. लि. 5.62 करोड़ का निवेश कर रही है।
वेलनेस, पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी
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जगदलपुर में 7.65 करोड़ का नमन् क्लब एंड वेलनेस सेंटर स्थापित हो रहा है।
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एएस बिल्डर्स, सेलिब्रेशन रिजॉर्ट्स एंड होटल्स बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा देंगे।
औद्योगिक विकास और रोजगार
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पीएस ब्रिक्स और महावीर माइन्स एंड मिनरल्स निर्माण सामग्री क्षेत्र में योगदान देंगे।
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कांकेर, भानुप्रतापपुर और कोंडागांव में वेयरहाउसिंग और कोल्ड स्टोरेज स्थापित हो रहे हैं।
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शंकरा लेटेक्स इंडस्ट्रीज 40 करोड़ का निवेश कर सर्जिकल ग्लव्स निर्माण इकाई स्थापित करेगी, जिससे 150 रोजगार मिलेंगे।
सरकारी योजनाओं से सशक्तिकरण
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पीएमएफएमई योजना से कांकेर, बस्तर और कोंडागांव के हितग्राहियों को 49.50 लाख से अधिक की सहायता मिली।
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पीएमईजीपी योजना से विभिन्न जिलों में उद्यमियों को 94.50 लाख की राशि वितरित की गई।
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औद्योगिक नीति के तहत कांकेर की साधना शर्मा को 90 लाख की स्वीकृति वेयरहाउस स्थापना के लिए दी गई।
मुख्यमंत्री के 100+ दौरे: विश्वास का संचार
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पिछले 20 महीनों में बस्तर के 100 से अधिक स्थानों का दौरा किया। “नियद नेल्ला नार” योजना से सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और संचार सेवाएँ सुदूर इलाकों तक पहुँची हैं।
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अब तक 81,090 आधार कार्ड, 49,239 आयुष्मान कार्ड, 5,885 किसान सम्मान निधि लाभ, 2,355 उज्ज्वला कनेक्शन और 98,319 राशन कार्ड जारी हुए।
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54 सुरक्षा शिविर और 28 गाँवों में बैंक स्थापित हुए।
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50 से अधिक बंद स्कूल पुनः प्रारंभ हुए।
नक्सल उन्मूलन और पुनर्वास नीति
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दिसंबर 2023 से अब तक 453 नक्सली मारे गए, 1,611 गिरफ्तार हुए और 1,636 ने आत्मसमर्पण किया।
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सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक नक्सल उन्मूलन है।
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आत्मसमर्पित नक्सलियों को 10,000 मासिक सहायता, आवास, प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं।
जनकल्याणकारी पहलें
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तेंदूपत्ता दर 4,000 से बढ़ाकर 5,500 प्रति बोरा की गई, जिससे 13 लाख परिवार लाभान्वित होंगे।
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कौशल विकास योजना से 90,273 युवाओं को प्रशिक्षण मिला, जिनमें से 39,137 को रोजगार मिला।
औद्योगिक नीति 2024–30: भविष्य की दिशा
नई औद्योगिक नीति ने रोजगार, नवाचार और उद्यमिता के लिए नए द्वार खोले हैं।
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पर्यटन को उद्योग का दर्जा और 45% तक सब्सिडी।
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एससी/एसटी और नक्सल प्रभावित परिवारों को अतिरिक्त 10% सब्सिडी।
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आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने वाली इकाइयों को 40% वेतन सब्सिडी।
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फार्मा, आईटी, एयरोस्पेस और टेक्सटाइल्स को प्राथमिकता।
बस्तर अब संघर्ष और उपेक्षा का प्रतीक नहीं, बल्कि निवेश, अवसर, शिक्षा, स्वास्थ्य और शांति का नया केंद्र है। राज्य सरकार की प्रतिबद्धता और जनता की भागीदारी से बस्तर पूरे छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि भारत के विकास का आदर्श बनकर उभर रहा है।

