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छत्तीसगढ़ में शिक्षा और नवाचार को बढ़ावा, मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन का 172 करोड़ का दान

रायपुर, 08 अगस्त 2025/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में आज छत्तीसगढ़ में शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत हुई। राजधानी स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित विशेष कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शासन, भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रायपुर, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) रायपुर और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के मध्य त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर हुए।

इस समझौते के अंतर्गत स्थापित होने वाला उद्यमिता केंद्र वर्ष 2025-26 में निर्माणाधीन होगा तथा 2027-28 तक पूर्ण रूप से क्रियाशील करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

गांव-गांव तक पहुंचेगी शिक्षा, कौशल और नवाचार की क्रांति

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि आज हस्ताक्षरित एमओयू से “छत्तीसगढ़ अंजोर विजन” को साकार करने में मदद मिलेगी। इस साझेदारी से प्रदेश में गांव-गांव तक शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार की क्रांति पहुंचेगी, जो युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।

उन्होंने बताया कि इस त्रिपक्षीय समझौते के तहत “श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल नवाचार एवं उद्यमिता उत्कृष्टता केंद्र” की स्थापना होगी, जो शोध, प्रयोग और उद्यमिता के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य करेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह केंद्र केवल IIM या NIT के विद्यार्थियों तक सीमित न रहे, बल्कि गांव-गांव के युवाओं को भी लाभान्वित करे।

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संसाधन-आधारित नहीं, नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करेगा छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ कोर सेक्टर के साथ-साथ सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फार्मा, डिफेंस, एयरोस्पेस और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। बीते 20 महीनों में 350 से अधिक सुधार किए गए हैं, जिनके परिणामस्वरूप राज्य में निवेश का अनुकूल वातावरण बना है और केवल आठ माह में 6.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

उन्होंने प्रदेशवासियों से संकल्प लेने का आह्वान किया कि छत्तीसगढ़ को संसाधन-आधारित नहीं, बल्कि नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने वाला राज्य बनाया जाए – जहाँ युवा बदलाव के वाहक बनें और उद्यमिता से समाज को दिशा दें।

किसानों के लिए देश का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र

मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के सह-संस्थापक एवं चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने रायपुर में किसानों हेतु देश का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विकास की अपार संभावनाओं वाला प्रदेश है और उनका फाउंडेशन इस विकास यात्रा में पूर्णतः समर्पित है। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन अपनी कुल निधि का 10 प्रतिशत समाज कल्याण के लिए समर्पित करेगा, जिसका उपयोग शिक्षा, कौशल और कृषि से जुड़े कार्यों में होगा।

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मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन का 172 करोड़ रुपये का दान

फाउंडेशन ने IIM रायपुर और NIT रायपुर को कुल 172 करोड़ रुपये का दान देने की घोषणा की है। इसमें से 101 करोड़ रुपये IIM रायपुर और 71 करोड़ रुपये NIT रायपुर को मिलेंगे।

इस दान राशि से IIM रायपुर में “ओसवाल छात्रावास” के 202 कमरे और “दाऊ राम गोपाल अग्रवाल नॉलेज सेंटर” स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी की शीर्ष संस्थाओं के सहयोग से छह अंतरराष्ट्रीय MBA कार्यक्रम शुरू होंगे।

NIT रायपुर में “श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” की स्थापना होगी, जो AI, रोबोटिक्स, IoT, ब्लॉकचेन और क्लीन एनर्जी जैसे डीप-टेक क्षेत्रों में कार्य करेगा। यह केंद्र 2030 तक 10,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण देगा, 250 से अधिक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करेगा और 5,000 से अधिक नौकरियों का सृजन करेगा।

यह पहल छत्तीसगढ़ की औद्योगिक आवश्यकताओं – विशेषकर खनन, इस्पात और मैन्युफैक्चरिंग – के अनुरूप होगी और स्थानीय उद्योगों के साथ मिलकर वास्तविक समस्याओं के समाधान पर केंद्रित रहेगी।

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कार्यक्रम में विशिष्ट उपस्थिति

इस अवसर पर प्रमुख सचिव निहारिका बारीक, उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के सचिव एस. भारतीदासन, छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय दयाराम के, NIT रायपुर के चेयरमैन डॉ. सुरेश हावरे, IIM रायपुर के चेयरमैन पुनीत डालमिया, NIT रायपुर के निदेशक एन. वी. प्रसन्ना राव, IIM रायपुर के प्रभारी निदेशक डॉ. संजीव पाराशर सहित प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षाविद और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।