futuredछत्तीसगढताजा खबरें

सीमेंट संयंत्र के प्रदूषित पानी से बर्बाद हो रहे खेत, किसानों का फूटा गुस्सा

रायपुर जिले के रवान गांव के किसान इन दिनों भारी संकट से जूझ रहे हैं। गांव के पास स्थित एक बहुराष्ट्रीय सीमेंट संयंत्र से निकलने वाला प्रदूषित अपशिष्ट जल लगातार खेतों में घुस रहा है, जिससे न केवल फसलें बर्बाद हो रही हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी तेजी से घट रही है। इस गंभीर समस्या को लेकर किसानों में गहरा आक्रोश है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि संयंत्र से बहने वाला पानी कोयले, फ्लाई ऐश और सीमेंट के महीन कणों से युक्त होता है, जो सीधे खेतों में फैल रहा है। इसके चलते खेती योग्य भूमि दिन-ब-दिन खराब हो रही है और किसान आजीविका के संकट में फंसते जा रहे हैं।

खड़ी फसलें तबाह, किसान परेशान

इस वर्ष भी कोलियार्ड से बहकर आया गंदा पानी कई खेतों में भर गया है, जिससे बीज अंकुरित होने के बाद फसलें सड़ने लगी हैं। किसानों का कहना है कि इस बारे में संयंत्र प्रबंधन को पहले ही सूचित किया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

पीड़ित किसान धनेश्वर साहू ने दुख व्यक्त करते हुए कहा,
“अब खेती छोड़ दी है। बारहों महीने खेतों में गंदा पानी भरा रहता है। सिर्फ भरोसे दिए जाते हैं, समाधान नहीं।”

इसी तरह किसान नंदू साहू ने बताया कि,
“बुवाई के समय भी प्लांट पानी छोड़ता है, जिससे खेत में काम करना मुश्किल हो गया है।”

किसान दशमत बाई का कहना है,
“खेती ही हमारा सहारा है, लेकिन अब वह भी खतरे में है।”

किसानों का आरोप है कि संयंत्र की जनसुनवाई और सामाजिक जिम्मेदारी के दावे केवल कागजों तक सीमित हैं। एक ओर अंबुजा फाउंडेशन किसानों की मदद की बातें करता है, दूसरी ओर प्लांट से निकलने वाला प्रदूषित पानी उनकी मेहनत पर पानी फेर रहा है।

प्रशासनिक उदासीनता से गहराया संकट

स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की है। कृषि विभाग की टीम ने निरीक्षण भी किया है, लेकिन कार्यवाही के नाम पर कोई ठोस कदम अब तक सामने नहीं आया। किसान बताते हैं कि फसल के नष्ट होने के बाद उन्हें दोबारा बुवाई करनी पड़ती है, जिससे आर्थिक बोझ और बढ़ जाता है।

छेदु वर्मा ने कटाक्ष करते हुए कहा,
“सरकारी अफसर संयंत्र की खातिरदारी में इतने व्यस्त हैं कि उन्हें किसानों की चिंता ही नहीं रहती।”

प्रशासन और संयंत्र प्रबंधन का जवाब

इस पूरे मामले में संयंत्र प्रतिनिधि गिरधर मिश्रा का कहना है कि
“प्लांट से निकलने वाला पानी प्राकृतिक है।”

वहीं ग्राम पंचायत रवान की सरपंच निकिता भारती ने भरोसा दिलाया कि
“नाले की सफाई करवाई जाएगी और किसानों की समस्या का समाधान किया जाएगा।”

जिला कृषि अधिकारी जितेंद्र कंवर ने कहा,
“शिकायत मिली है, आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”

इस घटना ने एक बार फिर पर्यावरणीय लापरवाही और प्रशासनिक सुस्ती की पोल खोल दी है। जब तक जिम्मेदार विभाग और संयंत्र प्रबंधन गंभीरता से कदम नहीं उठाते, तब तक किसानों की समस्याएं जस की तस बनी रहेंगी।