\

उत्तराखंड बना भारत का पहला राज्य, जहां समान नागरिक संहिता (UCC) लागू

देहरादून: उत्तराखंड ने इतिहास रचते हुए भारत में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस महत्वपूर्ण कदम को उठाया। राज्य सरकार ने लंबे विचार-विमर्श और एक विशेष समिति की सिफारिशों के बाद यह निर्णय लिया। UCC के लागू होने से अब राज्य में सभी धर्मों के लिए विवाह, तलाक, संपत्ति और गोद लेने जैसे मामलों में समान कानून लागू होंगे।मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “हमारा उद्देश्य समाज में समानता और एकरूपता सुनिश्चित करना है। समान नागरिक संहिता समाज में सभी वर्गों के बीच एक समान अधिकार प्रदान करेगी और किसी भी प्रकार के भेदभाव को खत्म करेगी।”

उत्तराखंड सरकार ने 2022 में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई कर रही थीं। समिति ने राज्य के सभी वर्गों से सुझाव और फीडबैक लिया। एक समारोह में सीएम धामी ने यूसीसी के पोर्टल का उद्घाटन किया. देहरादून स्थित मुख्य सेवक सदन में सीएम धामी ने मंत्रियों, सांसदों और अधिकारियों की मौजूदगी में यूसीसी पोर्टल का उद्घाटन किया. इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। सीएम धामी ने जिस पोर्टल का उद्घाटन किया है वो- ucc.uk.gov.in है. इस पोर्टल के जरिए लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन और उसे तोड़ने की जानकारी दी जा सकेगी. इस पोर्टल पर यूसीसी का पूरा कानून हिन्दी और अंग्रेजी में उपलब्ध है।

UCC से क्या बदलेंगी चीजें?

  1. विवाह और तलाक: सभी धर्मों के लिए एक ही कानून होगा।
  2. संपत्ति का बंटवारा: धर्म के आधार पर भेदभाव खत्म होगा।
  3. गोद लेने के नियम: सभी समुदायों के लिए समान प्रक्रिया लागू होगी।

UCC के लागू होने पर राज्य में विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। बीजेपी ने इसे “साहसिक और ऐतिहासिक निर्णय” बताया, जबकि कुछ विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक एजेंडा करार दिया। उत्तराखंड के लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इससे समाज में समरसता आएगी और कानूनी प्रक्रियाओं में आसानी होगी। उत्तराखंड का यह कदम देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। अन्य राज्यों में भी अब समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग उठ सकती है। उत्तराखंड का यह ऐतिहासिक निर्णय न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में समानता और एकता के विचार को प्रोत्साहित करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *