डॉ. बलदेव होने का अर्थ – जन्म दिवस विशेष
हिंदी और छत्तीसगढ़ी में अब तक डा. बलदेव की 15 कृतियाँ प्रकाशित होकर चर्चित हुई हैं लेकिन डा.बलदेव की बहुत कुछ रचनाएं और पांडुलिपियां अभी भी प्रकाशन की बाट जोह रही हैं ।
Read moreहिंदी और छत्तीसगढ़ी में अब तक डा. बलदेव की 15 कृतियाँ प्रकाशित होकर चर्चित हुई हैं लेकिन डा.बलदेव की बहुत कुछ रचनाएं और पांडुलिपियां अभी भी प्रकाशन की बाट जोह रही हैं ।
Read moreअपने सत्कर्मो से मनुष्य महान बनता है । संत कबीर और महात्मा गाँधी इस बात के उदाहरण हैं। महन्त बिसाहूदास इनके चरण चिन्हों पर चलने वाले हमारे समय के सर्वमान्य नेता थे , उनका उदार चरित्र अनुकरणीय है।
Read moreछत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया। एमन सरल सुभाव के होथे उन मिलनसार होथे, बासी खाके खेत म अन्न उगाथे,अपन घर पहुना ल बासी खवाके प्रेम से बिदा करथे, खुदे उघरा रइथे , आने ल तन ढंके बर ओन्हा देथें। छलकपट कभू नइ जानै फेर सच कहे बर फुर बोलिक होथे , देस भक्ति के रूप म उन तिरंगा झंडा के गुणगान करथें
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