चीन

futuredताजा खबरें

“भारत-चीन सीमा पर बुनियादी ढांचे का विकास: वायु सेना प्रमुख एपी सिंह की चेतावनी

चीन एलएसी के साथ, विशेष रूप से लद्दाख क्षेत्र में, तेजी से बुनियादी ढांचा विकसित कर रहा है, जबकि भारत भी सीमा पर अपने बुनियादी ढांचे को उन्नत कर रहा है। एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा कि भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वदेशी हथियार प्रणाली होना जरूरी है।”

Read More
futuredताजा खबरेंविश्व वार्ता

ईरान-इजरायल तनाव: तेल की कीमतों में वृद्धि का कारण

ईरान के इजरायल पर मिसाइल हमले के बाद, तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि सैन्य कार्रवाई से तेल की कीमतें $100 प्रति बैरल तक पहुँच सकती हैं। ईरान वैश्विक तेल उत्पादन में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है, जिसका अधिकांश तेल चीन को जाता है।

Read More
futuredताजा खबरें

अरुणाचल प्रदेश की चोटी का नाम रखने पर चीन ने जताई आपत्ति, भारत के फैसले से तिलमिलाया

भारत ने अरुणाचल प्रदेश की एक अनाम चोटी का नाम छठे दलाई लामा त्सांगयांग ग्यात्सो के नाम पर रखने का फैसला किया, जिससे चीन नाराज हो गया है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताते हुए इस पर आपत्ति जताई। भारत ने हमेशा से चीन के इन दावों को खारिज किया है और अरुणाचल प्रदेश को देश का अटूट हिस्सा माना है।

Read More
futuredपॉजिटिव स्टोरी

भारतीय शेयर बाजार ने चीन को पछाड़ा

अर्थ के विभिन्न क्षेत्रों में चीन की तुलना में भारत की स्थिति में लगातार सुधार दृष्टिगोचर है जिससे MSCI इंडेक्स में भारत की स्थिति में भी लगातार सुधार दिखाई दे रहा है जो आगे आने वाले समय में भी जारी रहने की सम्भावना है। इस प्रकार, अब भारत, चीन को अर्थ के विभिन्न क्षेत्रों में धीरे धीरे पीछे छोड़ता जा रहा है।

Read More
futuredपॉजिटिव स्टोरीविश्व वार्ता

तीन चीनियों पर हमारा एक जवान भारी पडता है : एक सैनिक की जुबानी

तीन चीनियों पर हमारा एक जवान भारी पडता था। वे धोखे मे हमारी आंखों पर मिर्ची झोंक देते थे लेकिन जिस पर भी मुक्का पडा वो अगले दिन नही दिखता था। हम सब साथी पहले ही अपना लक्ष्य ढूंढ लेते थे कि फलां-फलां को मै देखूंगा और तू अपना देखना।

Read More
futuredविश्व वार्ता

कठपुतली नेपाल मुखौटा, तो आंखें चीन की : शशांक शर्मा

नेपाल ने जिन क्षेत्रों को अपने नक़्शे में शामिल करने का विधेयक पारित किया है, वह विवाद तो 1950 में नहीं था। 1998 में आधिकारिक तौर पर नेपाल सरकार ने कालापानी क्षेत्र पर अपना दावा पेश किया। तब से अब तक 22 वर्ष गुजर चुके, अचानक नेपाल इतना बड़ा फैसला एकतरफा कैसे कर रहा है?

Read More