डॉक्टर अंकल
बात उस समय की है जब हम नागपुर आए थे। नई जगह, नए लोग और अलग भाषा। सबकुछ अलग सा
Read Moreबात उस समय की है जब हम नागपुर आए थे। नई जगह, नए लोग और अलग भाषा। सबकुछ अलग सा
Read Moreपांव के नीचे धरती जलती, सिर ऊपर आकाश,
जब जब आता है यह मौसम करने यहां प्रवास
छत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया। एमन सरल सुभाव के होथे उन मिलनसार होथे, बासी खाके खेत म अन्न उगाथे,अपन घर पहुना ल बासी खवाके प्रेम से बिदा करथे, खुदे उघरा रइथे , आने ल तन ढंके बर ओन्हा देथें। छलकपट कभू नइ जानै फेर सच कहे बर फुर बोलिक होथे , देस भक्ति के रूप म उन तिरंगा झंडा के गुणगान करथें
Read More#कविता_ठीहे_पर काव्य संगोष्ठी का आयोजन अभनपुर के गायत्री मंदिर प्रेक्षागृह में संपन्न हुआ। प्रदेश के नामी एवं नवोदित कवि/कवीयत्रियों ने पहुंच
Read Moreसामने पहाड़ी पर एक टक निगहबानी करती हुई मेरी एक जोड़ी आंखे जमी हुई बर्फ़ को देख रही थी। दूर
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