पुलिस गोलीकांड

futuredइतिहास

22 अगस्त 1930 : बैतूल में वनवासी आँदोलन : पुलिस गोली चालन : एक बलिदान: अनेक घायल

22 अगस्त 1930 को बैतूल में वनवासियों ने अपने वनाधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन छेड़ा। अंग्रेज पुलिस की गोलीबारी में एक वनवासी शहीद हुआ और अनेक घायल हुए। इस संघर्ष का नेतृत्व गंजन सिंह कोरकू ने किया, जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर रायपुर जेल भेजा गया।

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futuredधर्म-अध्यात्म

गौरक्षा आंदोलन में गोलीकांड और साधु-संतों का बलिदान

व्यक्तिगत स्तर पर नंदा जी गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने के पक्षधर थे। पर निर्णय न हो सका और उनके गृहमंत्री रहते हुये संतों पर लाठी गोली और अश्रुगैस छूटी। उन्होने इस घटना से क्षुब्ध होकर अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।

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