संविधान केवल कानून का ग्रंथ नहीं, वह राष्ट्र की आत्मा का शास्त्र है : बी. एन. राव
भारतीय संविधान की नींव में केवल विधिक प्रावधानों की ईंटें नहीं हैं, बल्कि वह सनातन की सांस्कृतिक चेतना, नैतिक समरसता,
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Read Moreमौर्य काल के दौरान, देश के विभिन्न हिस्सों में वर्षा की क्षेत्रीय जानकारी रखने के लिए वर्षा मापक स्थापित किए गए थे और प्राप्त की गई जानकारी के आधार पर, ‘कृषि अधीक्षक’ द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में बीज बोने के निर्देश दिए जाते थे
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Read Moreडॉ. इन्द्रेश कुमार (RSS): राष्ट्रभाव, संगठन, सेवा, संवाद और समरसता के भावों से ओतप्रोत: कविता
Read Moreमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन और कार्यों पर आधारित एक भावात्मक काव्यात्मक कविता जो नारी शक्ति, धर्मपालन, सेवा और राष्ट्रनिर्माण की भावना से ओतप्रोत है ।
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