राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह में महिलाओं के सशक्तिकरण और विकास पर जोर दिया
राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह में महिला विधायकों से अपील की कि वे अन्य महिलाओं का समर्थन करें। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं को बढ़ावा देती हैं, तो इसका असर सभी पर पड़ता है और उनके विकास का मार्ग प्रशस्त होता है। राष्ट्रपति ने कहा, “चाहे वे शिक्षक हों या अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता हों या उद्यमी, वैज्ञानिक हों या कलाकार, श्रमिक हों या किसान, अक्सर हमारी बहनें अपने घर-परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए, दिन-प्रतिदिन के संघर्षों के बावजूद बाहरी दुनिया में अपना स्थान बनाती हैं। जब महिलाएं एक-दूसरे को सशक्त बनाती हैं, तो हमारा समाज मजबूत और संवेदनशील बनता है।”
समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ विधानसभा की लोकतांत्रिक परंपराओं की तारीफ करते हुए कहा कि इस विधानसभा ने एक अद्वितीय नियम स्थापित किया है, जिसके तहत सदस्यों के वेल में प्रवेश करने पर स्वचालित निलंबन का प्रावधान है और इसे सख्ती से लागू किया गया है। वे यह जानकर प्रसन्न हुईं कि पिछले 25 वर्षों में विधानसभा में कभी भी मार्शल का उपयोग नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने न केवल भारत बल्कि पूरे लोकतांत्रिक जगत को उच्चतम स्तर की संसदीय आचरण का एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएँ हैं। यहां सीमेंट, खनिज उद्योग, स्टील, एल्युमिनियम और ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्रों में विशाल विकास के अवसर हैं। यह राज्य घने हरे-भरे जंगलों, झरनों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। उन्होंने राज्य के नीति निर्माताओं से आह्वान किया कि वे विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए पर्यावरण संरक्षण को भी सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि सभी वर्गों को आधुनिक विकास की यात्रा से जोड़ने की जिम्मेदारी राज्य के अधिकारियों पर है।
राष्ट्रपति के इस संबोधन ने महिलाओं के सशक्तिकरण, संसदीय आचरण और राज्य के समग्र विकास के महत्व को पुनः स्थापित किया।