रतियावन की चेली पार्वती आइना दिखाती है समाज को : अनुराग चतुर्वेदी
एक मासुम बच्चे से शुरू हुई यह संघर्ष यात्रा दारूण कथा बन गई मात्र विधाता द्वारा रचित एक अनगढ़ कृति बनने पर, जिस पर की किसी का सर्वथा कोई वश नहीं।
Read moreएक मासुम बच्चे से शुरू हुई यह संघर्ष यात्रा दारूण कथा बन गई मात्र विधाता द्वारा रचित एक अनगढ़ कृति बनने पर, जिस पर की किसी का सर्वथा कोई वश नहीं।
Read moreरतियावन की चेली अपनी तमाम मुश्किलों और परेशानियों के बावजूद समाज के लोगों के लिए हर समय अच्छा ही सोचती है उसके मन से सदा उनके लिए दुआएं और आशीर्वाद ही निकलता है
Read moreवह समझ नहीं पाती है कि मोहल्ले की महिलाएं विभिन्न अवसरों पर उसे नए कपड़े, चूड़ी पाटला आदि क्यों देती हैं। रतियावन नाम की किन्नर उसकी वास्तविकता से अवगत कराती है।
Read moreकोण्डागाँव के पेंसनर भवन में जगदलपुर, नारायणपुर, कोण्डागांव एवं बहीगांव के साहित्य एवं संस्कृति प्रेमियों की एक बैठक 11 मार्च
Read moreभाषा की अन्य विधाओं की तरह कविता भी जगत को समझने का एक शक्तिशाली उपक्रम हैं, गद्य की अपेक्षा काव्य
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