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अंजोर विजन 2047 के तहत शिक्षा सुधारों की समीक्षा, मुख्यमंत्री ने दी तेज क्रियान्वयन की हिदायत

रायपुर, 28 नवंबर 2025/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंत्रालय महानदी भवन में अंजोर विजन 2047 के अंतर्गत शिक्षा विभाग के लक्ष्यों की प्रगति का उच्चस्तरीय मूल्यांकन किया। बैठक में उन्होंने वर्ष 2030 तक के लघु अवधि लक्ष्यों, 2035 तक के मध्य अवधि लक्ष्यों और दीर्घकालीन योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए और उसका क्रियान्वयन तेजी और प्रभाव के साथ सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत 2047 का लक्ष्य रखा है, और उसी दिशा में छत्तीसगढ़ भी अंजोर विजन के माध्यम से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि इन लक्ष्यों की सबसे मजबूत नींव शिक्षा है, क्योंकि कुशल, तैयार और स्मार्ट बच्चे ही भविष्य की चुनौतियों को संभालने में सक्षम होंगे। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रदेश में शिक्षकों की संख्या राष्ट्रीय औसत से बेहतर है और सरकारी स्कूल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करा रहे हैं। बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण देकर वर्तमान स्थिति और भविष्य की रणनीतियों की जानकारी साझा की।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि एक शिक्षक अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभा ले, तो किसी भी बच्चे का भविष्य सुरक्षित हो सकता है। उन्होंने शिक्षकों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, प्रतिभाशाली शिक्षकों को नेतृत्व के अवसर देने और बेहतर शैक्षणिक माहौल तैयार करने पर जोर दिया। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा को और मजबूत करने के लिए आंगनबाड़ी और बालवाड़ी स्तर पर समन्वय बढ़ाने के निर्देश भी दिए।

बैठक में अंजोर विजन 2047 के तहत 1000 मॉडल स्कूलों की स्थापना, स्कूल कॉम्प्लेक्स प्रणाली के विस्तार, अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्कूलों की शुरुआत, एआई-आधारित मूल्यांकन प्रणाली, डिजिटल ऐप के माध्यम से व्यक्तिगत पाठ योजनाएं विकसित करने, शिक्षक प्रशिक्षण में सुधार और STEM शिक्षा को बढ़ावा देने जैसी योजनाओं की समीक्षा की गई।

मुख्यमंत्री ने STEM शिक्षा को मजबूत करने के लिए साइंस सिटी की स्थापना, विज्ञान मेलों के आयोजन और एआई एवं रोबोटिक्स लैब शुरू करने पर विशेष बल दिया। बैठक में वर्ष 2035 तक ड्रॉपआउट दर को शून्य करने, राज्य स्तरीय ECCE समिति के गठन, शिक्षकों की भर्ती, मूल्यांकन केंद्रों को मजबूत करने और अगले तीन वर्षों के लक्ष्यों को तय कर कार्रवाई सुनिश्चित करने पर भी विस्तृत चर्चा हुई।

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उन्होंने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की पूरी कार्यप्रणाली — परीक्षार्थियों के डेटा प्रबंधन, प्रश्नपत्र निर्माण, परीक्षा संचालन और मूल्यांकन प्रणाली — की समीक्षा की। हायर सेकेंडरी स्तर पर अतिरिक्त विषयों के विकल्प जोड़ने, प्रतियोगी परीक्षाओं पर आधारित प्रश्न बैंक विकसित करने, त्रुटिरहित मूल्यांकन प्रक्रिया और गोपनीय प्रश्नपत्रों के परिवहन के लिए ट्रैकिंग सिस्टम लागू करने के निर्देश भी दिए गए।

बैठक में एनईपी 2020 के तहत नामांकन में हुई वृद्धि, बालवाड़ी को स्कूल शिक्षा से जोड़ने, मातृभाषा-आधारित शिक्षण, संवाद कार्यक्रम, इको क्लब गतिविधियां, जादुई पिटारा, PM ई-विद्या के तहत डिजिटल प्रसारण और व्यावसायिक शिक्षा के विस्तार की प्रगति भी प्रस्तुत की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंजोर विजन 2047 के लक्ष्य आने वाली पीढ़ियों को आत्मनिर्भर, सक्षम और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।

बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव, मुख्य सचिव विकास शील, माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष रेणु पिल्लै, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव शम्मी आबिदी, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव रजत कुमार और स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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