छत्तीसगढ़ को बड़ी उपलब्धि: पंडरी रायपुर और बलौदाबाजार की IPHL को मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणन
रायपुर, 20 नवंबर 2025। छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है। जिला अस्पताल पंडरी रायपुर और जिला अस्पताल बलौदाबाजार की इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब (IPHL) को भारत सरकार के नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस कार्यक्रम (NQAS) के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर का गुणवत्ता प्रमाणपत्र मिला है। इनमें पंडरी रायपुर की IPHL पूरे देश में पहली और बलौदाबाजार की IPHL दूसरी प्रमाणित लैब बनी है। यह उपलब्धि राज्य में सुदृढ़, वैज्ञानिक और विश्वसनीय स्वास्थ्य ढांचे की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
राज्य में 832 स्वास्थ्य संस्थानों का मूल्यांकन पूरा
जनवरी 2024 से नवंबर 2025 के बीच राज्य की 832 स्वास्थ्य संस्थाओं का राष्ट्रीय मानकों के आधार पर मूल्यांकन और प्रमाणीकरण किया गया है। इसमें दंतेवाड़ा के दूरस्थ क्षेत्र चिंतागुफा जैसे कठिन इलाकों के केंद्र भी शामिल हैं। देश में पहली बार किसी राज्य में इतनी बड़ी संख्या में लैब्स और संस्थानों का इतनी व्यवस्थित श्रृंखला में आकलन हुआ है, जिसने छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दी है।
दोनों लैब्स का मूल्यांकन राष्ट्रीय विशेषज्ञ टीमों ने किया
भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नामित मूल्यांकनकर्ताओं की टीमों ने पंडरी रायपुर IPHL का निरीक्षण 10 सितंबर 2025 को और बलौदाबाजार IPHL का निरीक्षण 11 सितंबर 2025 को किया।
टीमों ने निम्न बिंदुओं पर विस्तृत मूल्यांकन किया:
-
मरीज केंद्रित सेवाएँ
-
तकनीकी गुणवत्ता
-
गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली
-
रिपोर्टिंग की समयबद्धता
-
सुरक्षा मानकों का पालन
-
बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट
मूल्यांकन में पंडरी रायपुर IPHL को 90% और बलौदाबाजार IPHL को 88% स्कोर मिला, जो राष्ट्रीय मानकों में उत्कृष्ट श्रेणी मानी जाती है।
IPHL मॉडल क्यों है खास
इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब का उद्देश्य मरीजों को एक ही स्थान पर पैथोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी जांच जैसी सभी आवश्यक सेवाएँ प्रदान करना है।
इसका सीधा लाभ यह है:
-
जांच की गति बढ़ती है
-
रिपोर्ट की सटीकता और विश्वसनीयता बढ़ती है
-
निजी लैब्स पर निर्भरता कम होती है
-
मरीजों को किफायती सेवाएँ मिलती हैं
पंडरी रायपुर IPHL: पूरे राज्य का मॉडल लैब
रायपुर IPHL में रोजाना 3,000 से अधिक जांचें होती हैं और 120 से ज्यादा प्रकार की जांच सेवाएँ उपलब्ध हैं।
यह लैब ‘हब एंड स्पोक मॉडल’ पर काम करती है और रायपुर जिले के विभिन्न सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से आए सैंपल भी यहीं जांचे जाते हैं। जरूरत पड़ने पर यह मेडिकल कॉलेज और अन्य जिलों के नमूनों की जांच भी करती रही है।
बलौदाबाजार IPHL: तेजी से उभरता केंद्र
बलौदाबाजार लैब में प्रतिदिन 1,000 से 1,200 जांचें की जाती हैं और 100 से अधिक प्रकार की टेस्टिंग उपलब्ध है।
यहां:
-
आधुनिक उपकरण
-
प्रशिक्षित तकनीशियन
-
समय पर रिपोर्टिंग
-
ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों तक सेवाओं की पहुँच
इन सभी ने इसे जिले के लोगों के लिए बड़ी राहत साबित किया है।
राष्ट्रीय स्तर पर रायपुर IPHL की पहचान
रायपुर IPHL के मॉडल की पहले भी चर्चा हो चुकी है। देश के 13 से अधिक राज्यों की टीमें इस लैब का अवलोकन कर चुकी हैं।
भारत सरकार ने IPHL नेटवर्क के लिए जारी गाइडलाइन के कवर पेज पर भी रायपुर IPHL की फोटो प्रकाशित की है। यह मॉडल PM–ABHIM के तहत पूरे देश में स्थापित की जा रही IPHL श्रृंखला का मार्गदर्शक बना हुआ है।
NQAS: केवल प्रमाणन नहीं, स्थायी सुधार का आधार
NQAS में साफ-सफाई, उपकरण कैलिब्रेशन, रिकॉर्ड प्रबंधन, सुरक्षा, रोगी संतुष्टि, मानव संसाधन क्षमता निर्माण जैसे बिंदुओं पर कठोर मानक निर्धारित हैं।
पंडरी और बलौदाबाजार दोनों लैब्स ने इन सभी मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
आयुक्त सह संचालक प्रियंका शुक्ला ने बताया कि दोनों लैब्स की सफलता उनके तकनीकी स्टाफ, चिकित्सकों और पूरी प्रबंधन टीम की मेहनत का परिणाम है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ-साथ गुणवत्ता सुधार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और यह उपलब्धि उसी प्रयास की पुष्टि है।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं राज्य सरकार की प्राथमिकता हैं। IPHLs के राष्ट्रीय प्रमाणन से छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य ढांचे को नई मजबूती मिली है। उन्होंने बताया कि आगामी वर्षों में सभी जिला अस्पतालों को इसी मॉडल पर आधुनिक और सुदृढ़ लैब सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री की प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि पंडरी रायपुर और बलौदाबाजार IPHL की उपलब्धि छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य प्रणाली में आए ऐतिहासिक बदलाव का परिणाम है। उन्होंने कहा कि IPHL मॉडल ने जांच सेवाओं को तेज, सटीक और किफायती बनाकर ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों के मरीजों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच को मजबूत किया है। विभाग भविष्य में भी इसी गुणवत्ता मॉडल के विस्तार पर काम करेगा।

