प्रदेश के हर अन्नदाता को उसके परिश्रम का पूरा मूल्य मिले, यही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता – मुख्यमंत्री साय
रायपुर, 15 अक्टूबर 2025/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की विस्तृत नीति घोषित की है। यह निर्णय किसानों के हितों और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
खाद्य विभाग की सचिव रीना कंगाले ने जानकारी दी कि धान की खरीदी 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर की जाएगी। उपार्जन कार्य 15 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक चलेगा। प्रति एकड़ अधिकतम 21 क्विंटल धान खरीदा जाएगा।
धान खरीदी का सम्पूर्ण कार्य छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के माध्यम से किया जाएगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली हेतु चावल की उपलब्धता छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन लिमिटेड सुनिश्चित करेगा। खरीदी उन्हीं प्राथमिक कृषि साख समितियों और लेम्पस के माध्यम से होगी जो मार्कफेड के कम्प्यूटरीकरण कार्यक्रम से जुड़ी होंगी।
प्रदेश में 2739 पूर्व संचालित और नव स्वीकृत खरीदी केन्द्रों के साथ 55 मंडियों और 78 उपमंडियों में भी उपार्जन कार्य होगा। खरीदी प्रक्रिया पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत और पारदर्शी होगी। किसान एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीकरण कर ऋण पुस्तिका आधारित फार्म आईडी से धान विक्रय कर सकेंगे।
धान खरीदी में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण अनिवार्य रहेगा। केवल किसान स्वयं या उनके माता-पिता, पति/पत्नी या पुत्र/पुत्री ही धान विक्रय कर सकेंगे। विशेष परिस्थितियों में एसडीएम द्वारा प्रमाणित विश्वसनीय व्यक्ति को अधिकृत किया जा सकेगा।
किसानों को टोकन जारी कर नियंत्रित प्रक्रिया अपनाई जाएगी। सीमांत और लघु किसानों को दो टोकन तथा दीर्घ किसानों को तीन टोकन दिए जाएंगे। खरीदी में पुराने और नए जूट बोरे 50:50 अनुपात में उपयोग किए जाएंगे।
हर उपार्जन केंद्र में कांटे-बांट का सत्यापन, आर्द्रतामापी यंत्र, पॉलिथीन कवर, सीमेंट ब्लॉक और ड्रेनेज सुविधा अनिवार्य होगी। भुगतान पीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में किया जाएगा।
मार्कफेड द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों को खरीदी सॉफ्टवेयर, गुणवत्ता प्रविष्टि और भुगतान प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। 3 से 6 नवंबर तक सभी केन्द्रों में ट्रायल रन होगा।
धान खरीदी की एंड-टू-एंड निगरानी के लिए मार्कफेड मुख्यालय में इंटीग्रेटेड कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक जिले में प्रभारी सचिव पर्यवेक्षण करेंगे और शिकायतों के लिए कॉल सेंटर (1800-233-3663) कार्यरत रहेगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश के हर अन्नदाता को उसके परिश्रम का पूरा मूल्य समय पर मिले, यही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।