केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसे के बाद दो दिन के लिए सेवाएं स्थगित, सात लोगों की मौत
केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी लौटते समय रविवार तड़के एक हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से सात लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जिसमें एक दो वर्षीय बच्ची भी शामिल है। हादसे के बाद उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ के लिए हेलिकॉप्टर सेवाओं को अगले दो दिनों के लिए रोक दिया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा दुख जताया और कहा, “हेलिकॉप्टर सेवाएं आज और कल बंद रहेंगी। जब तक यात्रियों की सुरक्षा की पूरी गारंटी नहीं दी जा सकती, तब तक सेवाएं बहाल नहीं होंगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस दुखद हादसे के पीछे खराब मौसम एक प्रमुख कारण रहा।
मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलाकर संबंधित एजेंसियों को कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि ऊपरी हिमालयी क्षेत्रों में उड़ान भरने वाले पायलटों को पर्वतीय उड़ानों का अनुभव होना अनिवार्य किया जाए। इसके साथ ही सभी एविएशन कंपनियों को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा तय मानकों का सख्ती से पालन करने को कहा गया है।
DGCA ने भी ऐहतियातन चारधाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर उड़ानों की संख्या घटाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि एक “कंट्रोल एंड कमांड सेंटर” की स्थापना की जाए ताकि हेलिकॉप्टर उड़ानों की निगरानी बेहतर तरीके से हो सके।
हादसे में जान गंवाने वाले
रविवार सुबह करीब 5:30 बजे आर्यन एविएशन का हेलिकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी की ओर जा रहा था, तभी गौरीकुंड के पास एक जंगल क्षेत्र में वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में मारे गए लोगों की पहचान इस प्रकार है:
- कैप्टन राजबीर सिंह चौहान (39) – पायलट
- विक्रम रावत (47)
- विनोद देवी (66) – बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की प्रतिनिधि
- तृष्टि सिंह (19)
- राजकुमार सुरेश जायसवाल (41)
- उनकी पत्नी श्रद्धा जायसवाल
- दो वर्षीय बेटी काशी जायसवाल
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “मैं दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। यह अत्यंत दुखद और पीड़ादायक घटना है। जो भी संस्थाएं सुरक्षा मानकों की अनदेखी करती पाई जाएंगी, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
इस दुखद घटना ने एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में हवाई यात्रा की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार की प्राथमिकता अब यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।