साधारण मजदूर से बनी लाखों कमाने वाली उद्यमी! जानिए कैसे लालमती ने सरकारी योजनाओं से बदल दी अपनी किस्मत
छत्तीसगढ़ की महिला सशक्तिकरण योजनाएं अब ज़मीनी स्तर पर असर दिखाने लगी हैं। इसका जीवंत उदाहरण हैं जशपुर जिले के गम्हरिया गांव की रहने वाली श्रीमती लालमती, जिन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर खुद को न सिर्फ आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि गांव की कई अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन गईं।
श्रीमती लालमती का जीवन एक आम श्रमिक महिला से सफल उद्यमी बनने तक की यात्रा है। शुरुआत उन्होंने प्रजापति गौरी स्व-सहायता समूह से जुड़कर की। इसके बाद ‘बिहान योजना’ के तहत उन्हें सरकारी सहायता प्राप्त हुई। उन्होंने उद्योग विभाग से ऋण लेकर शटरिंग प्लेट का व्यवसाय प्रारंभ किया और फिर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से व्यवसाय को और विस्तार देने में सफल रहीं।
आज लालमती के पास 200 से अधिक शटरिंग प्लेट हैं, जिन्हें वे प्रधानमंत्री आवास योजना और निजी निर्माण कार्यों में छत ढलाई के लिए किराए पर देती हैं। जनवरी 2025 से अब तक इस व्यवसाय से उन्हें ₹35,000 से ₹40,000 तक की आमदनी हो चुकी है, और गांव में लगातार निर्माण कार्य होने से यह आय निरंतर बढ़ रही है।
श्रीमती लालमती का कहना है, “अगर सरकार की योजनाओं और सहयोग न मिलता, तो शायद मैं कभी इस मुकाम तक न पहुंच पाती। शासन ने न केवल आर्थिक मदद दी, बल्कि आगे बढ़ने का विश्वास भी दिया।”
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने भी लालमती के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “हमारी सरकार का उद्देश्य है कि गांव की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हों और अपने जीवन को बेहतर बना सकें। बिहान, मुद्रा योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी पहलें महिलाओं को वित्तीय सहायता के साथ-साथ प्रशिक्षण, तकनीकी सहयोग और विपणन की सुविधा भी उपलब्ध करा रही हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि लालमती जैसी महिलाएं छत्तीसगढ़ में सामाजिक और आर्थिक बदलाव की नई पहचान बन रही हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की यह कोशिश है कि राज्य की हर महिला अपने पैरों पर खड़ी हो, आत्मसम्मान से जीवन जिए और दूसरों के लिए मिसाल बने।
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