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मुख्यमंत्री ने किया सिद्धबाबा जलाशय परियोजना का निरीक्षण, 34 गाँवों में सिंचाई का रास्ता होगा प्रशस्त

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के ग्राम गभरा पहुँचकर निर्माणाधीन सिद्धबाबा जलाशय परियोजना का स्थल निरीक्षण किया। इस महत्त्वपूर्ण परियोजना से छत्तीसगढ़ के कई जिलों की सिंचाई व्यवस्था को नई दिशा मिलने जा रही है। लगभग ₹220 करोड़ की लागत से बन रही यह योजना क्षेत्र के 34 गांवों को सिंचाई सुविधा से जोड़ने का कार्य करेगी।

220 करोड़ की लागत, तीन जिलों को मिलेगा लाभ

सिद्धबाबा जलाशय योजना को 9 मार्च 2022 को राज्य शासन की प्रशासनिक मंजूरी प्राप्त हुई थी। यह परियोजना ग्राम उरतुली के समीप लमती नदी पर बन रही है, जो जिला मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

इस जलाशय की जल संग्रहण क्षमता 9.496 मिलियन घन मीटर निर्धारित की गई है। इसके माध्यम से कुल 1840 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित किया जा सकेगा। इससे खैरागढ़, बेमेतरा और दुर्ग जिलों के दर्जनों गांवों को सीधा लाभ मिलेगा।

क्षेत्रवार सिंचाई वितरण

  • खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र के 19 गांवों – जैसे गगरा, बुंडेली, सूरादरी, कोटरा आदि – में 885 हेक्टेयर भूमि।

  • बेमेतरा जिले के साजा विधानसभा क्षेत्र के 11 गांवों – जैसे पचरसोरी, जानो, सोहागपुर आदि – में 820 हेक्टेयर।

  • दुर्ग जिले के 4 गांवों – जैसे आगारकला, नवागांव – में 135 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई मिलेगी।

जलाशयों को मिलेगा पुनर्जीवन

इस योजना से न केवल नए क्षेत्रों को सिंचाई सुविधा मिलेगी, बल्कि पहले से स्थापित 23 लघु जलाशयों को भी जल आपूर्ति मिल सकेगी।

  • इसमें छुईखदान विकासखंड के 13 जलाशय,

  • साजा विकासखंड के 7 जलाशय,

  • और धमधा विकासखंड के 3 जलाशय शामिल हैं।

यह जल उपलब्धता इन जलाशयों को पुनर्जीवित करेगी और कृषि उत्पादन में स्थायित्व लाएगी।

कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा संबल

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना कृषक हित, खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण विकास की दृष्टि से एक बड़ा कदम है। इससे सूखा प्रभावित क्षेत्रों में राहत मिलेगी और किसानों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि परियोजना कार्य समयबद्ध रूप से पूर्ण हो ताकि किसानों को जल्द लाभ मिल सके