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अजातशत्रु- महन्त बिसाहू दास : डॉ. बलदेव

अपने सत्कर्मो से मनुष्य महान बनता है । संत कबीर और महात्मा गाँधी इस बात के उदाहरण हैं। महन्त बिसाहूदास इनके चरण चिन्हों पर चलने वाले हमारे समय के सर्वमान्य नेता थे , उनका उदार चरित्र अनुकरणीय है।

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साहित्य संदेश देता है उपदेश नहीं : डॉ.चित्तरंजन कर

“भाषा संस्कृति है और संस्कृति खेती है,जिसकी फसल साहित्य है। लेकिन साहित्य संदेश देता है, उपदेश नहीं।” ये शब्द प्रसिद्ध भाषाविद और विद्वान साहित्यकार डा.चित्तरंजन कर के हैं ,जो वे विगत दिनों तिल्दा-नेवरा में आयोजित समन्वय साहित्य परिवार छत्तीसगढ़ के 29 वें वार्षिक महोत्सव में मुख्य अभ्यागत की आसंदी से बोल रहे थे।

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डॉ. निरुपमा सरमा अउ उंकर बाल कविता

छत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया। एमन सरल सुभाव के होथे उन मिलनसार होथे, बासी खाके खेत म अन्न उगाथे,अपन घर पहुना ल बासी खवाके प्रेम से बिदा करथे, खुदे उघरा रइथे , आने ल तन ढंके बर ओन्हा देथें। छलकपट कभू नइ जानै फेर सच कहे बर फुर बोलिक होथे , देस भक्ति के रूप म उन तिरंगा झंडा के गुणगान करथें

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