व्यवस्था के अंधेरे पक्ष का निर्मम अनावरण है डा. बलदेव की कविता “अंधेरे में”
27 मई डाँ. बलदेव जी की 82 वीं जयंती के अवसर पर कविता डा. बलदेव की कविता “अंधेरे में” की
Read More27 मई डाँ. बलदेव जी की 82 वीं जयंती के अवसर पर कविता डा. बलदेव की कविता “अंधेरे में” की
Read Moreसीतामढ़ी का महत्व रामायण की कथा के अनुसार सही ढंग से समझा जा सकता है। राजा जनक सीतामढ़ी के पुनौरा और उर्विजा कुंड क्षेत्र में अनावृष्टि को रोकने हेतु हल चलाने, कृषि कर्म का उद्घाटन करने आये थे। इसी-के दौरान सीता जी प्राप्त हुई। इसी क्षेत्र में हलेश्वर स्थान मंडल है, जहाँ कृषि कर्म के उपरान्त हल रखा गया था। सीता जी की स्मृति से ही जुड़ा एक स्थान पंथपाकड़ है, जहाँ पर विवाह उपरान्त आयोध्या जाते हुये सीता जी की डोली रखी गयी थी,
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