आचार्य ललित मुनि

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स्वाभिमान और स्वतंत्रता के प्रतीक महाराणा प्रताप का शौर्य

भारतीय इतिहास में स्वाभिमान और स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में अमर हैं। उनका जन्म 9 मई 1540 को कुम्भलगढ़, राजस्थान में हुआ और उन्होंने अपने जीवन में मुगल सम्राट अकबर की अधीनता स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया।

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futuredहमारे नायक

स्वातंत्र्य वीर सावरकर की दृष्टि में हिन्दुत्व और अखंड भारत की संकल्पना

विनायक दामोदर सावरकर (1883-1966) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख विचारक, क्रांतिकारी, और लेखक थे। उनकी विचारधारा, जिसे उन्होंने “हिन्दुत्व” के रूप में परिभाषित किया

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futuredइतिहास

एक ऐसी प्राचीन पुस्तक जिसे आज तक कोई पढ़ नहीं पाया

मानव सभ्यता के इतिहास में ऐसे अनेक रहस्य हैं, जिनके उत्तर आज तक हमें नहीं मिल पाए। यह रहस्य कभी पत्थरों पर खुदे संकेतों में छिपे होते हैं, तो कभी ऐसी पांडुलिपियों में, जिन्हें पढ़ने-समझने का प्रयास आज तक चल ही रहा है। ऐसी ही एक रहस्यमयी पांडुलिपि (पुस्तक) है

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futuredधर्म-अध्यात्म

आस्था, प्रकृति और जैवविविधता संरक्षण का पर्व : वट सावित्री व्रत

जैवविविधता के पोषण की दृष्टि से भी वट वृक्ष अत्यंत उपयोगी है। इसकी शाखाओं में कई प्रकार के पक्षी घोंसले बनाते हैं और इसके फल, पत्तियाँ तथा गोंद अनेक कीट-पतंगों और मधुमक्खियों को आकर्षित करते हैं।

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futuredधर्म-अध्यात्म

कठोपनिषद में यम और नचिकेता का संवाद

कठोपनिषद भारतीय दर्शन की एक अत्यंत गूढ़ और प्रेरणादायक रचना है, जिसमें यमराज और बालक नचिकेता के बीच हुआ संवाद आत्मा, मृत्यु, मोक्ष और ब्रह्मविद्या जैसे गंभीर विषयों पर प्रकाश डालता है।

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futuredखेत-खलिहानपॉजिटिव स्टोरी

लोक परंपराओं से जैव विविधता का संबंध एवं सह अस्तित्व

प्रकृति एक जटिल और सुंदर ताना-बाना है, जिसमें वन्यजीव और पारिस्थितिकी तंत्र एक-दूसरे के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं। वन्यजीव, जिसमें स्तनधारी, पक्षी, सरीसृप, उभयचर, मछलियाँ, कीट और अन्य जीव शामिल हैं, पारिस्थितिकी तंत्र का एक अभिन्न अंग हैं।

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