स्व. सदाशिव गोविंद कात्रे की 115 वीं जयंती पर डाक विभाग द्वारा विशेष आवरण एवं विरुपण मुहर जारी
भारतीय कुष्ठ निवारक संघ कात्रेनगर चांपा के संस्थापक स्व. सदाशिव गोविंद कात्रे जी के देवोत्थान एकादशी 115 वें जयंती वर्ष 2024 के मंगल अवसर पर भारतीय डाक विभाग (छत्तीसगढ़ परिमण्डल) द्वारा विशेष आवरण एवं विरुपण मुहर जारी किया।
रायपुर। भारतीय कुष्ठ निवारक संघ कात्रेनगर चांपा के संस्थापक स्व. सदाशिव गोविंद कात्रे जी के देवोत्थान एकादशी 115 वें जयंती वर्ष 2024 के मंगल अवसर पर भारतीय डाक विभाग (छत्तीसगढ़ परिमण्डल) द्वारा विशेष आवरण एवं विरुपण मुहर जारी किया गया। यह आवरण व विरुपण मुहर डाक विभाग द्वारा कात्रेजी के समाज के प्रति अद्वितीय सेवा कार्य करने हेतु उनके सम्मान में जारी किया गया।
समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने से लेकर , भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों की स्मृति को लोक मानस में लाने की डाक विभाग की समृद्ध परंपरा रही है। भारतीय डाक विभाग ने पिछले कुछ वर्षों में स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में कई डाक टिकट जारी किए हैं। यह उनकी स्मृतियों को संजोने के अलावा आगामी पीढ़ी को देश की आज़ादी के नायकों के बलिदान याद रखने के लिए भी प्रेरित भी करती है।
स्व.सदाशिव गोविंद कात्रेजी रेल्वे कर्मचारी थे किन्तु स्वयं कुष्ठ रोग से पीड़ित होने के बाद भी समाज में और अन्य उनके जैसे कुष्ठ पीड़ित जो समाज में तिरस्कारपूर्ण जीवन यापन कर रहे हैं , वे स्वतंत्र रूप से जीवन यापन कर सकें स्वाभिमान , स्वालंबन के साथ बिना भिक्षावृत्ति के संस्था में समाजिक व्यंग ताना सुने बगैर स्वतंत्र रूप से रह सकें इस उद्देश्य से कात्रेजी समाज के सहयोग से संस्था खड़ा करतें हैं और पांच कुष्ठ पीड़ितों के साथ मुठ्ठि भर अन्न संग्रह करतें हुए 05 अप्रैल 1962 को भारतीय कुष्ठ निवारक संघ नामक संस्था शुरु करतें हैं उनकी अदम्य सेवा भावना और समर्पण को देखते हुए उनके 115 वें जयंती वर्ष पर उनकी स्मृति में आज डाक विभाग द्वारा आवरण व विरुपण मुहर जारी किया।
आवरण व विरुपण मुहर में सदाशिव गोविंद कात्रेजी की एक आकर्षक चित्र है जिसमें संस्था प्रारंभ करते वक्त की कुछ यादगार तस्वीरें हैं जिसमें कात्रेजी की समाधि स्थल , पांच कुष्ठ साथियों के साथ जिस स्थान पर कात्रेजी निवास करते थें उस कुटिया का दृश्य एवं दान में प्राप्त जल साधन हेतु एक कुंआ आवरण में मुद्रित है। शीर्ष में एक लेख कात्रेजी के तीन संकल्प भारत को कुष्ठ के कलंक से मुक्त करना है , कुष्ठ पीड़ित भिक्षावृत्ति के बजाय स्वाभिमानपूर्वक जीवन व्यतीत करते हुए अंतिम समय में निश्चिंतता के साथ इस संसार से विदा ले इस भाव को आवरण में दर्शाया गया है।
इस खास मौके पर बिलासपुर संभाग के डाकघर अधीक्षक विनय कुमार प्रसाद , कोरबा उपसंभाग के उपसंभागीय निरीक्षक पारुल श्रीवास्तव , संस्था सचिव सुधीर देव , संस्था अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण सोनी , संस्था कार्यकारणी सदस्य चंद्रशेखर देवांगन , अनूप पांडे एवं संस्था के समस्त कार्यकर्ता बंधु , रुग्ण माता बहनें और अन्य सम्मानित अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति में यह आवरण व विरुपण मुहर जारी किया।
रुपेश वर्मा अर्जुनी