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राजनाथ सिंह ने ADMM-Plus शिखर सम्मेलन में भारत की रक्षा साझेदारियों को मजबूत किया

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11वें ASEAN रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (ADMM-Plus) में भाग लिया, जो हाल ही में लाओस की राजधानी विएंतियान में आयोजित हुई। इस सम्मेलन के दौरान, सिंह ने संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और फिलीपीन्स के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं, जिसमें रक्षा सहयोग, सामरिक साझेदारियों और क्षेत्रीय सुरक्षा मामलों पर गहरी चर्चा हुई।

भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी की समीक्षा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे. ऑस्टिन के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें दोनों देशों के बीच बढ़ती रक्षा साझेदारी की समीक्षा की गई। इस दौरान दोनों नेताओं ने संयुक्त रक्षा संचालन, खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान और प्रौद्योगिकी नवाचार पर चर्चा की। सिंह और ऑस्टिन ने US-India Defence Industrial Cooperation Roadmap के तहत चल रहे विभिन्न सहयोगात्मक परियोजनाओं का जिक्र किया, जिनमें जेट इंजन, गोला-बारूद और अन्य रक्षा प्रणालियों के संयुक्त निर्माण की योजनाएं शामिल हैं। सिंह ने अपनी हालिया अमेरिका यात्रा का भी उल्लेख किया, जहां भारत और अमेरिका के बीच Security of Supplies Agreement (SOSA) और Liaison Officers की तैनाती जैसे महत्वपूर्ण समझौते किए गए थे।

दोनों नेताओं ने क्वाड (Quad) ढांचे में उभरती हुई पहलों पर भी चर्चा की, जैसे कि Indo-Pacific क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए Maritime Initiative for Training in the Indo-Pacific (MAITRI) और एक नया Quad Indo-Pacific Logistics Network पायलट परियोजना। साथ ही, दोनों ने रक्षा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए India-US Defence Acceleration Ecosystem जैसे कार्यक्रमों में सहयोग को और मजबूत करने का संकल्प लिया।

भारत-जापान रक्षा सहयोग

सिंह की जापान के रक्षा मंत्री जनरल नाकातानी से भी महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें दोनों देशों ने एक मुक्त, खुले और समावेशी Indo-Pacific क्षेत्र की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपने रिश्तों को और गहरा करने की दिशा में चर्चा की। सिंह ने भारत के Act East Policy और जापान के Free and Open Indo-Pacific दृष्टिकोण के बीच सामंजस्य की बात की। उन्होंने इस साझेदारी को भारत और जापान के बीच “गहरे विश्वास और बढ़ती सामग्री” का प्रतीक बताया, जैसा कि हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसे वर्णित किया था।

फिलीपीन्स के साथ रक्षा सहयोग

राजनाथ सिंह ने फिलीपीन्स के रक्षा मंत्री गिल्बर्टो टियोडोरो से भी मुलाकात की और दोनों देशों के बीच 75 वर्षों के कूटनीतिक रिश्तों की सराहना की। सिंह ने भारत के Act East Policy के तहत फिलीपीन्स की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय सुरक्षा के मामलों पर भी चर्चा की गई, जिससे दोनों देशों के रक्षा संबंधों में नए आयाम जुड़ने की संभावना बढ़ी।

वैश्विक सुरक्षा में भारत की भूमिका

ADMM-Plus शिखर सम्मेलन के दौरान, सिंह ने भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की कि वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का समाधान संवाद और कूटनीति के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने Indo-Pacific क्षेत्र में नेविगेशन की स्वतंत्रता, अंतर्राष्ट्रीय कानून और वैध वाणिज्य के सिद्धांतों का समर्थन किया। सिंह ने लाओस में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में भी भाग लिया, जहां उन्होंने भारत के विकासात्मक प्रयासों और 2047 तक भारत को एक पूरी तरह से विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को साझा किया।

भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका

इन द्विपक्षीय वार्ताओं और ADMM-Plus शिखर सम्मेलन में भारत की बढ़ती भूमिका को एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है। यह भारत की क्षेत्रीय सुरक्षा में सक्रिय भूमिका और वैश्विक रक्षा साझेदारियों को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। राजनाथ सिंह की इन मुलाकातों ने न केवल भारत के सामरिक साझेदारों के साथ रिश्तों को और मजबूत किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि भारत Indo-Pacific क्षेत्र में एक स्थिर और सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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