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‘ऑपरेशन संकल्प’ में अब तक की सबसे बड़ी सफलता: कर्रेटगुट्टा के जंगलों से 31 नक्सलियों के शव बरामद

छत्तीसगढ़ पुलिस ने सोमवार को जानकारी दी कि ‘ऑपरेशन संकल्प’ के तहत तेलंगाना सीमा से लगे कर्रेटगुट्टा की पहाड़ियों और घने जंगलों में 31 संदिग्ध नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। यह ऑपरेशन 21 अप्रैल से दक्षिण-पश्चिम बस्तर क्षेत्र में चलाया जा रहा है और इसे अब तक की सबसे बड़ी सफलताओं में एक माना जा रहा है।

बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र यादव ने बताया कि इस अभियान से जुड़ी विस्तृत जानकारी बुधवार को प्रेस वार्ता में साझा की जाएगी। अभी तक जिन 31 शवों की बरामदगी हुई है, उनमें से 20 की पहचान कर ली गई है और इनमें से 11 के शवों को पोस्टमार्टम और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। शेष 11 शवों की पहचान की प्रक्रिया जारी है।

इससे पहले 24 अप्रैल को इसी इलाके में तीन महिला नक्सलियों को मार गिराया गया था और बड़ी मात्रा में हथियार व विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। कर्रेटगुट्टा की पहाड़ी श्रृंखला को नक्सलियों के सबसे ताकतवर सैन्य संगठन ‘बटालियन नंबर 1’ का गढ़ माना जाता है, जिसमें तेलंगाना राज्य समिति के शीर्ष नेता भी सक्रिय बताए जाते हैं।

28,000 सुरक्षाकर्मी अभियान में शामिल
यह अभियान सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे सबसे बड़े समन्वित अभियानों में से एक है, जिसमें छत्तीसगढ़ पुलिस की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (STF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और उसकी विशिष्ट इकाई कोबरा (CoBRA) के लगभग 28,000 जवान शामिल हैं।

सूत्रों के अनुसार, 21 अप्रैल से अब तक क्षेत्र में लगभग 35 मुठभेड़ें हो चुकी हैं। इस दौरान सुरक्षा बलों ने 400 से अधिक IEDs, करीब 40 हथियार, और लगभग दो टन विस्फोटक सामग्री बरामद की है। इसके अलावा नक्सली ठिकानों और बंकरों को ध्वस्त कर बड़ी संख्या में राशन, दैनिक उपयोग की वस्तुएं और उपकरण जब्त किए गए हैं।

सुरक्षा बलों को भी नुकसान, लेकिन स्थिति नियंत्रण में
अभियान के दौरान अलग-अलग घटनाओं में STF, DRG और CoBRA के छह जवान घायल हुए हैं, जिनकी हालत अब खतरे से बाहर बताई गई है।

वर्ष 2025 में अब तक 168 नक्सली ढेर
पुलिस आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक राज्य में कुल 168 नक्सलियों को मुठभेड़ों में मारा गया है, जिनमें से 151 अकेले बस्तर संभाग में मारे गए हैं। यह संभाग सात जिलों—बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कांकेर, कोंडागांव और बस्तर—में फैला है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “यह अभियान अब भी जारी है। जब तक अभियान पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता, तब तक कई जानकारियाँ साझा नहीं की जा सकतीं। पर यह ज़रूर कहा जा सकता है कि अब तक के नक्सल विरोधी अभियानों में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।”