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पौष पूर्णिमा को 1.6 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम स्नान किया

प्रयागराज/ 13 जनवरी 2025 / आज महाकुंभ का शुभारंभ प्रयागराज में पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर हुआ। संगम तट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। लगभग 1.6 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने इस दिन पवित्र गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान किया।

महाकुंभ के इस शुभ अवसर पर 13 प्रमुख अखाड़ों ने भाग लिया। इनमें से प्रत्येक अखाड़े ने अपने धर्मध्वज और अनुयायियों के साथ पवित्र स्नान किया। इस आयोजन का हिस्सा बने प्रमुख अखाड़ों में जूना अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा, अवधूत अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधि आदि प्रमुख हैं। प्रमुख संतों में महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी, स्वामी चिदानंद सरस्वती, और स्वामी रामभद्राचार्य जैसे प्रतिष्ठित संत शामिल हुए। इन संतों ने अपने अनुयायियों को प्रवचनों और आशीर्वाद से कृतार्थ किया।

प्रशासन ने इस बार भव्य आयोजन को अत्यंत व्यवस्थित बनाने के लिए विशेष तैयारियां की थीं। संगम क्षेत्र में 44 स्नान घाट बनाए गए थे। लगभग 25,000 सुरक्षाकर्मी, जिसमें पुलिस, पीएसी, और अर्धसैनिक बल शामिल थे, तैनात किए गए। पांच विशेष मेडिकल कैंप और 100 अस्थायी अस्पताल भी लगाए गए थे। ड्रोन कैमरों से निगरानी की गई, जिससे भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

महाकुंभ में पवित्र स्नान के साथ-साथ धार्मिक आयोजनों की श्रृंखला भी देखने को मिली। श्रद्धालुओं ने संतों के साथ प्रवचन और भजन-कीर्तन में भाग लिया। पूरे क्षेत्र में वैदिक मंत्रोच्चार और साधुओं की भव्य शोभायात्राओं ने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश के माध्यम से श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं आयोजन स्थल का निरीक्षण किया और संतों से मुलाकात की। प्रशासन ने आयोजन को “भव्य और दिव्य” बनाने का वादा किया था, जिसे पूरी तरह से निभाया गया।

महाकुंभ के पहले दिन की भीड़ और अनुशासन ने यह दर्शाया कि आस्था का यह पर्व भारत की संस्कृति का अद्वितीय प्रतीक है। श्रद्धालुओं ने स्नान के साथ-साथ गंगा के तट पर पूजा-अर्चना की और अपने जीवन को पुण्य और शुद्धता से समृद्ध करने की कामना की।